Sexual harassment in school : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से एक झकझोर देने वाली खबर आयी है। स्कूल में शिक्षिकाओं और छात्राओं ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। घटना के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। मामला जिले के एक आत्मानंद स्कूल का है, जहां की दर्जन भर से ज्यादा शिक्षिकाओं और नाबालिग छात्राओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप प्राचार्य आरबी निराला पर लगाया है। आरोप है कि छात्राओं को चॉकलेट देने के बहाने प्राचार्य आरबी निराला अपने चैंबर में बुलाता था और फिर उन्हें बाहर मिलने के लिए कहता था। मामले में शिकायत के बाद जिला प्रशासन की तरफ जांच शुरू कर दी है।
प्रथम दृष्टिया आरोप सही पाये जाने पर प्राचार्य को स्कूल से हटा दिया गया है, वहीं प्राचार्य को कलेक्टर को नोटिस जारी किया है। शिक्षिकाओं और छात्राओं ने जिस तरह के शर्मनाक आरोप लगाये हैं, उसके बाद शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है। आरोप है कि 5 सितंबर यानि शिक्षक दिवस के दिन भी प्राचार्य ने छात्राओं को अपने चैंबर में बुलाया और फिर अश्लील गानों पर उनका डांस कराया। यही नहीं छात्राओं ने गलत तरीके से छात्राओं को छूने और उनके साथ अश्लील बातें करने का भी आरोप लगाया है।
जांच में आरोपों की हुई पुष्टि
छात्राओं और शिक्षिकाओं की शिकायत के बाद कलेक्टर ने एसडीएम को जांच के निर्देश दिये थे। 25 सितंबर को एसडीएम ने जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा। जांच प्रतिवेदन में कहा गया कि आत्मानंद स्कूल के प्राचार्य आरबी निराला के खिलाफ छात्राओं और शिक्षिकाओं ने जो आरोप लगाये थे, उसकी पुष्टि हुई है। एसडीएम की रिपोर्ट के बाद प्राचार्य आरबी निराला को मूल पद पर शासकीय हाईस्कूल गेंडई विकासखंड मनोरा भेजा गया है।
कलेक्टर ने मांगी तीन दिन में रिपोर्ट
प्राचार्य आरबी निराला को कलेक्टर ने नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। नोटिस में कलेक्टर ने कहा है कि जांच प्रतिवेदन और बयानों के आधार स्कूल में कार्यरत महिला कर्मचारियों, शिक्षिकाओं और छात्राओं के साथ अशोभनीय व्यवहार किये जाने की पुष्टि हुई है। पीड़िताओं के कथन से साफ है कि प्राचार्य के द्वारा महिला कर्मचारियों और शिक्षिकाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। कार्यस्थल पर महिला कर्मचारियों और छात्राओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न जैसे कार्य किये गये हैं। नोटिस में उल्लेख है कि प्राचार्य जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए भी अनैतिक/अमर्यादित कृत्य किया गया, जो जांच रिपोर्ट में सही पायी गयी है। क्यों ना आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये। मामले में कलेक्टर ने प्राचार्य के खिलाफ तीन दिन में जवाब मांगा है।