U19 Womens T20 World Cup : भारत ने पहली बार शेफाली वर्मा की अगुआई में टी-20 अंडर-19 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया है। टीम इंडिया ने 29 जनवरी को हुए फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को 7 विकेट से हरा दिया। भारत ने महिला क्रिकेट में पहली बार आईसीसी की ट्रॉफी जीती है। इस जीत में मैदान पर मौजूद 11 खिलाड़ियों का जीतना योगदान रहा है ठीक वैसे ही मैदान के बाहर भी टीम से जुड़े सपोटिंग स्टाफ में कुछ खास लोग रहते है जो इन खिलाड़ियों को हर एक मैच के लिए फिट रखते है, ताकि जब बारी मैदान पर जौहर दिखाने की आए तो जीत झंडा गाड़ के ही आए।
ठीक ऐसे ही टी-20 अंडर-19 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप के इस ऐतिहासिक जीत के पीछे रायपुर की बेटी का भी अहम रोल है। भारत की महिला खिलाड़ियों की टीम में बतौर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और फिजियो एक्सपर्ट आकांक्षा सत्यवंशी ने काम किया है। आकांक्षा छत्तीसगढ़ के रायपुर की रहने वाली हैं। यहीं से उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की कुछ समय स्टेट क्रिकेट संघ के लिए काम किया और इसके बाद नेशनल टीम का हिस्सा बनीं।
टीम इंडिया की बैक बोन बनी आकांक्षा
अंडर-19 महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को फिट रखना। उन्हें कोई सीरियस इंजरी न हो इसका ख्याल रखना आकांक्षा के जिम्मे ही था। वो टीम इंडिया की बैक बोन बनकर पिछले 5 महीनों से साथ हैं। हर मैच के बाद किस खिलाड़ी को रेस्ट देना है, किसे थैरेपी की जरुरत है ताकि वो मैदान में अच्छा कर पाए ये काम आकांक्षा ने बखूबी संभाला।
टीम के हर खिलाड़ी पर रखी नजर
आकांक्षा ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि ये अंडर-19 विमेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप भारत के लिए अहम था। शुरू से ही तैयारी पर फोकस रहा। टीम इंडिया लगातार टूर पर थी। इस बीच हम टीम के कोच से संपर्क में रहते थे कि किस खिलाड़ी की फिजिकल कंडीशन कैसी है। यंग लड़कियां थी हमने खास ख्याल रखा कि अच्छे प्लेयर्स मैच में रेडी रहें। आकांक्षा ने बताया कि टीम की प्लेयर शेफाली और ऋचा को छोड़कर बाकि की सभी लड़कियां पहली बार बाहर ट्रैवल कर रहीं थीं। हमें यही समझाया जाता था कि जैसे इंडिया के हर मैदान में दम दिखाया है यहां भी दिखाना है। किसी भी तरह की शारीरिक परेशानी न हो इसका हम ध्यान रखते थे।
आकांक्षा ने कहा कि हमारी जीत के पीछे की बड़ी वजह है तैयारी। यहां लड़कियां काफी छोटी उम्र से क्रिकेट खेलती हैं। बीसीसीआई का फोकस भी होता है सुविधाएं और अंडर 19 खिलाड़ियों को अपने ही देश में खेल का माहौल मिलता है। ऐसा दूसरे देशों में नहीं होता वहां प्रोफेशनल क्रिकेट देर से खेला जाता है। लगातार तैयारी से स्किल बढ़िया होती है और इंडिया इस वजह से टॉप पर है।
ऐसे हुई आकांक्षा के करियर की शुरुआत
आकांक्षा ने बताया कि मैं हमेशा मेडिकल की फील्ड में जाना चाहती थी। बैचलर्स मैंने रायपुर मेडिकल कॉलेज से किया और मास्टर्स कटक से। फिजियोथेरेपी की जब पहली बार क्लास अटेंड की थी तो लगा बस यही करना है। ये काम मुझे पसंद आया। साल 2019 में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के साथ काम किया। इसके बाद आकांक्षा के काम की वजह से उन्हें नेशनल क्रिकेट एकेडमी ने बुलाया। उन्हें सीनियर टीम हैंडल करने का मौका मिला। बतौर असिस्टेंट फिजियो एक्सपर्ट काम किया। इसके बाद इंडिया की मेन टीम के साथ आकांक्षा ने काम किया इंडिया की स्टार फीमेल क्रिकेटर्स मिताली के साथ भी रहीं।
बॉलीवुड फिल्म के लिए किया काम
आकांक्षा ने एक्ट्रेस तापसी पन्नू के साथ काम किया है। तापसी पन्नू की फिल्म शाबाश मिठू में भी आकांक्षा ऑफ स्क्रीन फिजियो एक्सपर्ट के तौर पर जिम्मा संभाल चुकी हैं। फिल्म में कुछ सींस में एक्ट्रेस को प्रोफेशनल क्रिकेटर्स की तरह की सीन शूट करने थे। ऐसे में तापसी को फिजियो पर गाइडेंस आकांक्षा ने ही दी थी।
इंडिया विमेंस टीम की पहली वर्ल्ड ट्रॉफी
इंडिया विमेंस टीम किसी भी लेवल पर पहली ही बार वर्ल्ड चैंपियन बनी है। जूनियर लेवल पर ICC ने पहली बार वर्ल्ड कप आयोजित कराया। वहीं, सीनियर लेवल पर टीम इंडिया कभी भी वर्ल्ड कप नहीं जीत सकी। भारत ने इससे पहले 2005 और 2017 का वनडे वर्ल्ड कप फाइनल खेला, लेकिन ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से हार गए। वहीं, 2020 के टी-20 वर्ल्ड कप में भारत को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। वहीं, 2022 के बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में भी टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा।
ऐसे हुई शानदार जीत
दक्षिण अफ्रीका के पॉचेफ्सट्रूम में खेले गए भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया। भारतीय बॉलर्स ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने इंग्लैंड की टीम को 17.1 ओवर में महज 68 रन पर ढेर कर दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 14 ओवर में 3 विकेट पर 69 रन बनाकर मैच और खिताब अपने नाम किया। भारत की ओर से सौम्या तिवारी (नाबाद) और गोंगदी तृषा ने 24-24 रन बनाए। भारत की ओर से तितास साधु, अर्चना देवी और पार्शवी चोपड़ा ने क्रमशः 6, 17 और 13 रन देकर 2-2 विकेट लिए। कप्तान शेफाली वर्मा, मन्नत कश्यप और सोनम यादव ने भी एक-एक बैटर को पवेलियन भेजा।