नई दिल्ली :- श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन नागों, भगवान शिव और भगवान सुब्रमण्यम की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस साल नाग पंचमी मंगलवार 29 जुलाई 2025 मनाया जाएगा. ज्योतिषाचार्य राहुल के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से कालसर्प दोष और सर्प भय से मुक्ति मिलती है. जानिए नाग पंचमी पूजा का महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त…
हिंदू धर्म में श्रावण मास का प्रत्येक दिन पवित्र माना जाता है. हालांकि, नाग पंचमी का दिन विशेष आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व रखता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन नाग देवताओं की भक्तिपूर्वक पूजा करने से जीवन के कष्ट, विशेष रूप से कालसर्प दोष, नवग्रह दोष और सर्प भय दूर होते हैं.
ज्योतिषाचार्य राहुल के मुताबिक, नाग पंचमी 2025 मंगलवार, 29 जुलाई को मनाई जाएगी. पंचमी तिथि 28 जुलाई को रात्रि 11:24 बजे से शुरू होकर 30 जुलाई को दोपहर 12:46 बजे तक रहेगी. चूंकि पंचमी तिथि 29 जुलाई को सूर्योदय के समय शुरू होगी, इसलिए नागदेवी की पूजा उसी दिन, यानी मंगलवार को की जाएगी. नाग पंचमी पूजा का सर्वोत्तम समय सुबह 5:41 बजे से सुबह 8:23 बजे तक है. इस दौरान नागदेवी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. ऐसा माना जाता है कि इस दौरान उनकी पूजा करने से सर्प दोष, काल सर्प दोष और अन्य ग्रह दोष दूर होते हैं.
नाग पंचमी क्यों खास है
नाग पंचमी सिर्फ एक परंपरा या व्रत नहीं है. यह दिन ऊर्जा संतुलन और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने का एक विशेष अवसर है. पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि नागों की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सुरक्षा आती है. यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए बहुत शुभ माना जाता है जिनकी कुंडली में कालसर्प दोष है.
सांपों की पूजा कैसे करें?
नाग देवता की मूर्ति या तस्वीर को दूध से स्नान कराएं.
फिर हल्दी, केसर और धनिया से सजाएं.
गाय का दूध, लड्डू और दर्भा चढ़ाएं.
कुछ लोग भगवान सुब्रह्मण्यम के मंदिरों में जाते हैं, तो कुछ लोग सांपों के पास बने गड्ढों में दूध डालकर उनकी पूजा करते हैं.
ऐसा माना जाता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से सर्प दंश से सुरक्षा मिलती है.
नागों को भगवान शिव का आभूषण और प्रकृति का रक्षक माना जाता है. इसलिए, ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से न केवल आध्यात्मिक बल्कि पारिस्थितिक संतुलन भी बना रहता है.
किन सांपों की विशेष पूजा की जाती है?
इस दिन 12 प्रमुख नागों अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कंबाला, कर्कोटक, अश्वितर, धृतराष्ट्र, संकपाल, कालिया, तक्षक और पिंगला की पूजा का विशेष विधान है.
नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से क्या फल मिलता है?
अकाल मृत्यु का भय मिट जाता है.
अचानक दुर्घटनाओं से सुरक्षा.
आपको उन बीमारियों से राहत मिलेगी जो आपको लंबे समय से परेशान कर रही थीं.
नाग पंचमी सिर्फ पूजा नहीं है, यह एक साधना भी है.
नाग पंचमी पर की जाने वाली पूजा न केवल पापों का शमन करती है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक साधना भी है. हिंदू धर्म में नागों को शक्ति, सुरक्षा और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा करता है, उसे भौतिक सुखों के साथ-साथ आध्यात्मिक शांति और कर्म शुद्धि की भी प्राप्ति होती है.