विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में निर्मित तीन जहरीले कफ सिरप की पहचान की है, जिनमें कोल्ड्रिफ कफ सिरप भी शामिल है. इनमें डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा मानक से 500 गुना अधिक पाई गई है. संगठन ने चेतावनी दी है कि ये कफ सिरप गंभीर और जानलेवा बीमारियां पैदा कर सकते हैं. संगठन ने दुनिया भर के अधिकारियों से आग्रह किया है कि अगर उनके देशों में इनमें से कोई भी प्रोडक्ट पाया जाता है, तो वे एजेंसी को तुरंत सूचित करें. संगठन ने कहा कि ऐसी दवाएं पांच साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्रभावित दवाएं श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स की कोल्ड्रिफ (स्पेसिफिक बैच), रेडनेक्स फार्मास्यूटिकल्स की रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा के रिलाइफ है. दरअसल, एक हफ्ते पहले, मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हो गई थी. इसके बाद, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशानिर्देश जारी किए, जिसमें बच्चों को संभालते समय अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया गया. तमिलनाडु में निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप जहरीले रसायन डायथिलीन ग्लाइकॉल से खतरनाक रूप से दूषित पाया गया. इसके बाद, श्रीसन फार्मास्युटिकल्स का विनिर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया गया और उसके मालिक जी. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया गया. उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड (20 अक्टूबर तक) पर भेजा गया है.
क्या होता है डाइएथिलीन ग्लाइकॉल DEG?
डायएथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल एक कलरलेस, ऑर्डरलेस लिक्विड मटेरियल हैं जिसका उपयोग विभिन्न इंडस्ट्रियल अप्लायंसेज में किया जाता है, जिनमें एंटीफ्रीज, ब्रेक द्रव, सॉल्वैंट्स और पेंट शामिल हैं. वहीं, एथिलीन ग्लाइकॉल का उपयोग पॉलिएस्टर रेशों के उत्पादन में भी किया जाता है, जबकि डायएथिलीन ग्लाइकॉल का उपयोग पॉलिएस्टर रेजिन, पॉलीयूरेथेन और प्लास्टिक बनाने में किया जाता है. यह मनुष्यों के लिए बेहद जहरीला और जानलेवा है. यह किडनी, लीवर और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाने का खतरा पैदा करता है.
निगलने पर, डीईजी शरीर में टॉक्सिक कंपाउंड में तब्दील हो जाता है जो एक्यूट किडनी डैमेज, डायबिटीज इन्सिपिडस और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकते हैं, जैसा कि मध्य प्रदेश के बच्चों के मामले में हुआ. इस विषाक्तता के लक्षणों में उल्टी, पेट दर्द और सुस्ती शामिल हैं, जो अक्सर किडनी फेलियर का कारण बनते हैं. विभिन्न दवाइयां एक्टिव इंग्रेडिएंट को घोलने के लिए ग्लिसरीन या प्रोपिलीन ग्लाइकॉल पर निर्भर करती हैं. ये घोलने वाला एजेंट सेवन के लिए सुरक्षित हैं. हालांकि, कुछ निर्माता पैसे बचाने के लिए इसकी जगह डीईजी का उपयोग करते हैं. ऐसे में जब इंडस्ट्रियल-ग्रेड ग्लिसरीन को डायएथिलीन ग्लाइकॉल जैसे पदार्थों से दूषित किया जाता है, तो यह विषाक्तता का कारण बन सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठनने DEG और EG से दूषित कफ सिरप के बारे में बार-बार चेतावनी दी है. संगठन ने 2022 से दुनिया भर में 300 से ज्यादा बच्चों की मौत को इनसे जोड़ा है. भारत में हुई मौतें कोई पहली या अनोखी घटना नहीं हैं. 2022 में, गाम्बिया में DEG से दूषित कफ सिरप पीने से 70 बच्चों की मौत हो गई थी.

