नई दिल्ली:- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रिफ्रेंस को मंजूरी दे दी, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और भत्तों में नए सिरे से संशोधन का रास्ता साफ हो गया. वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है, जिससे लाखों कर्मचारियों के वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है.
आधिकारिक अनुमानों के अनुसार इस कदम से देश भर में लगभग 50 लाख कार्यरत केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों को लाभ होगा. आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी, जिसमें एक पार्ट टाइम सदस्य और एक सदस्य-सचिव होंगे.
कब तक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा आयोग
गठन की डेट से अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आयोग के पास 18 महीने का समय होगा और यह सरकार को एक अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगा. रिपोर्टों के अनुसार 8वें वेतन आयोग का गठन अप्रैल 2025 तक होने की उम्मीद है और इसकी सिफारिशें 2026 और 2027 के बीच लागू होने की संभावना है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद कार्यान्वयन की अंतिम तिथि तय की जाएगी. मंत्रिमंडल ने इससे पहले जनवरी 2025 में आयोग की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी.
अपेक्षित वेतन वृद्धि
8वें वेतन आयोग ने अभी तक आधिकारिक वेतन स्लैब जारी नहीं किए हैं, लेकिन 2.86 के संभावित फिटमेंट फैक्टर पर आधारित अनुमानों के अनुसार वेतन में 19,000 रुपये प्रति माह तक की वृद्धि हो सकती है. वर्तमान में 1 लाख रुपये प्रति माह कमाने वाले मध्यम स्तर के सरकारी कर्मचारी के लिए, वेतन वृद्धि बजटीय आवंटन के आधार पर भिन्न हो सकती है.
फिटमेंट फैक्टर से बढ़ेगी सैलरी
फिटमेंट फैक्टर, जो यह निर्धारित करता है कि नए वेतन ढांचे के तहत वेतन और पेंशन में कितनी वृद्धि होगी, 8वें वेतन आयोग के सबसे विवादास्पद पहलुओं में से एक होगा. इससे पहले 7वें वेतन आयोग (2016 में लागू) ने 2.57 फिटमेंट फ़ैक्टर का इस्तेमाल किया था, जिसके परिणामस्वरूप सैलरी में 157 प्रतिशती की वृद्धि हुई और न्यूनतम मूल वेतन 7,000 से बढ़कर 18,000 रुपये हो गया.

