बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में निजी अस्पतालों की मनमानी चरम पर है. मरीजों से इलाज के नाम पर फर्जीवाड़ा कर लूट का खेल जोरों से चल रहा है. इस खेल में बिलासपुर के नामी अस्पताल शामिल हैं, जहां कथित तौर पर मरीजों को बड़ी सुविधा देने का दावा तो किया जाता है, लेकिन इन अस्पतालों में किस तरह से मरीजों से लूट होती है. उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं होता, जिसके कारण भोले भाले परिवारों को मोटी रकम देकर चुकाना पड़ता है.
मरीज अस्पतालों में अपने या परिजनों के इलाज के नाम पर पहुंचते हैं, जिसके पास आयुष्मान कार्ड होता है. उनसे भर्ती के नाम पर पहले नगद राशि मांग लिया जाता है. जिसकी शिकायत लगातार प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों से होती रही है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में ऐसे अस्पतालों के हौसले बुलंद हैं. लगातार हो रही शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने टीम गठित कर जांच शुरू की. इस दौरान भारी अनियमितता उजागर हुआ है. जिले के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने बिलासपुर के 18 अस्पतालों को नोटिस जारी किया है.
इनमें कुछ अस्पताल नर्सिंग होम एक्ट का पालन नहीं कर रहे हैं तो कुछ अस्पताल आयुष्मान योजना में गड़बड़ी कर रहे हैं. बिलासपुर के दो अस्पतालों पर लगभग 15 लाख रुपये का जुर्माना भी किया गया है. इनमें प्रताप चौक स्थित केयर एन क्योर और एक दूसरा ओमकार अस्पताल शामिल है. बिलासपुर में कई ऐसे अस्पतालों को लाइसेंस जारी किया गया है, जिनके पास पार्किंग की सुविधा नहीं है. मरीज और एंबुलेंस सड़क पर खड़े हो रहे हैं. आम लोगों को चलने में तकलीफ हो रही है.
वहीं कुछ अस्पताल उन नियमों का पालन नहीं कर रहे जो नर्सिंग होम एक्ट के दायरे में आता है. 18 अस्पताल ऐसे हैं, जिसमें कई कमियां पाई गई तो कइयों ने नियमों का पालन नहीं किया, जिन्हें अलग-अलग कारणों से नोटिस भी दिया गया है. इसके अलावा बिलासपुर के 18 अस्पतालों में किसी जगह मरीजों से दुर्व्यवहार करने तो किसी जगह आयुष्मान योजना के दायरे में आने के बावजूद मरीज से अग्रिम राशि लेने की शिकायत हुई है और यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने इन अस्पतालों के संचालक को नोटिस भेज कर उनसे मामले में स्पष्टीकरण मांगा है.
पिछले दिनों शासन की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें स्पष्ट रूप से इन दोनों अस्पतालों को अपनी इमरजेंसी चिकित्सा में सुधार और वार्ड को बेहतर बनाने के लिए पत्राचार किया गया था. ऐसे में समझा जा सकता है कि जब सरकारी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल और बाकी हॉस्पिटल की ऐसी स्थिति है तो जाहिर सी बात है निजी अस्पताल की हालत कैसी होगी? संभाग मुख्यालय के निजी अस्पतालों में मनमानी को लेकर बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पाण्डेय ने प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग की मनमानी को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेष पाण्डेय ने आयुष्मान कार्ड में हो रही अनियमितताओं को लेकर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शैलेश पांडे ने जिले में संचालित निजी अस्पतालों की मनमानी और अवैध वसूली पर नाराजगी जताते हुए जिला प्रशासन की कार्यशैली पर लापरवाही का आरोप भी लगाया है. गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है. कमीशन खोरी के कारण निजी अस्पताल इसका गलत इस्तेमाल कर ओवर बिलिंग का खेल खेल रहे हैं.