नई दिल्ली:– सड़क परिवहन मंत्रालय ने पुराने वाहनों के फिटनेस टेस्ट की फीस में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश किया है, जो पुराने वाहन मालिकों के लिए बड़ा आर्थिक बोझ साबित हो सकता है. इस प्रस्ताव के अनुसार, 20 साल से अधिक पुराने निजी वाहनों के मालिक अब अपने वाहन का फिटनेस टेस्ट कराने के लिए ₹2,600 तक खर्च कर सकते हैं. वहीं, 15 साल से पुराने ट्रक और बसों के मालिकों के लिए फीस ₹25,000 तक बढ़ाई जा सकती है.
निजी वाहन मालिकों पर असर
रिपोर्ट के अनुसार, अब तक निजी वाहनों के फिटनेस टेस्ट के नियम इतने सख्त नहीं थे. पुराने नियमों के तहत, 15 साल पूरे होने पर आरटीओ वाहन देखकर ही फिटनेस सर्टिफिकेट दे देता था. लेकिन नए प्रस्ताव के अनुसार, 15 साल से अधिक पुराने वाहनों के लिए असली तकनीकी फिटनेस टेस्ट कराना अनिवार्य होगा. यह टेस्ट स्वचालित मशीनों पर कराया जाएगा ताकि वाहन की वास्तविक हालत का पता चल सके.
सरकार का उद्देश्य पुराने वाहन सड़क पर रखने से लोगों को हतोत्साहित करना है. पुराने वाहन न केवल ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं का भी कारण बन सकते हैं. मंत्रालय का मानना है कि टेस्ट फीस में बढ़ोतरी से वाहन मालिक नई गाड़ी खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
कमर्शियल वाहन मालिकों पर सबसे ज्यादा प्रभाव
प्रस्ताव के मुताबिक, निजी वाहनों की तुलना में कमर्शियल वाहनों पर प्रभाव कहीं अधिक होगा. ट्रक और बस जैसे कमर्शियल वाहनों के लिए उम्र के हिसाब से अलग-अलग फीस तय की जाएगी. पहले 15 और 20 साल से पुराने कमर्शियल वाहनों की फिटनेस फीस समान थी, लेकिन नए प्रस्ताव में 20 साल से अधिक पुराने वाहनों की फीस दोगुनी कर दी जाएगी.
कमर्शियल वाहन मालिक पहले से ही पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत और टैक्स के दबाव में हैं. ऐसे में फिटनेस टेस्ट की यह बढ़ी हुई लागत उनके लिए भारी साबित हो सकती है, खासकर छोटे ट्रक और बस मालिकों के लिए, जिनकी आय सीमित होती है.
वर्तमान नियम और बदलाव
कमर्शियल वाहन: वाहन की उम्र आठ साल तक हर दो साल में फिटनेस टेस्ट और उसके बाद हर साल.
निजी वाहन: 15 साल पूरे होने पर रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के समय फिटनेस टेस्ट, उसके बाद हर पांच साल में.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से सड़क पर पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या घट सकती है. हालांकि, वाहन मालिकों के लिए यह आर्थिक चुनौती बढ़ाएगा, और नई गाड़ियों की बिक्री में इजाफा होने की संभावना है.