रायपुर : छत्तीगसढ़ में पद के लालच में बगावत की राजनीति करने वालों के खिलाफ बीजेपी ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। बलरामपुर और बालोद पंचायत चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के विरूद्ध बागी होकर खड़े होने वाले 2 प्रत्याशियों को बीजेपी ने 6-6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ऐसे में सबसे सबसे बड़ा सवाल यहींे कि क्या बीजेपी हाईकमान कोरबा नगर निगम में बगावत कर सभापति बनने वाले नूतन सिंह ठाकुर भी निष्कासन की कार्रवाई करेगी ?
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के 10 नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर नया रिकार्ड बनाया है। लेकिन सभापति के चयन के मामले में कोरबा नगर निगम में जो किरकिरी और फजीहत हुई, वो पूरे छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय बन गया। दरअसल एक दिन पहले ही कोरबा नगर निगम में सभापति के लिए चुनाव हुआ। बीजेपी हाईकमान और संगठन ने पर्यवेक्षक बनाकर रायपुर विधायक पुरंदर मिश्रा को कोरबा भेजा था। पर्यवेक्षक द्वारा संगठन के फैसले के मुताबिक सभापति पद के लिए हितानंद अग्रवाल का नाम फाइनल किया गया था।
इस नाम के सामने आते ही बीजेपी पार्षदों ने पर्यवेक्षक और मंत्री लखनलाल देवांगन के सामने ही जमकर विरोध प्रदर्शन कर दिया था। पार्षदों ने एक स्वर में पर्यवेक्षक के इस निर्णय पर विरोध जताते हुए ये कह दिया था कि आप किसी भी हम पर ना थोपे। पार्षदों के इस विरोध के दौरान ही बीजेपी पार्षद नूतन सिंह ठाकुर ने बागी रूख एख्तियार करते हुए सभापति के लिए नामांकन दाखिल कर दिया गया। लिहाजा परिणाम ये रहा कि पार्षदों की नाराजगी का फायदा बागी नूतन सिंह ठाकुर को मिल गया, जबकि बीजेपी के अधिकृत सभापति के उम्मींदवार को हार का सामना करना पड़ा। चुनाव के बाद आये इस परिणाम से जहां बीजेपी में व्याप्त गुटबाजी खुलकर सामने आ गयी।
वहीं मंत्री लखनलाल देवागंन और पर्यवेक्षण के फैसले को पार्षदों ने सीधे तौर पर ठेंगा दिखाते हुए बीजेपी के बागी पार्षद को सभापति के लिए अपना मत देकर जीता दिया। राजनीतिक गहमा-गहमी के बीच जिलाध्यक्ष मनोज शर्मा ने पार्टी विरोधी काम करने वालों पर कार्रवाई का बयान दर्ज कर मामला बैलेंस करने का प्रयास किया गया। इसी बीच आज बीजेपी द्वारा बलरामपुर और बालोद जिला के दो बागी बीजेपी पर निष्कासन की गाज गिरा दी है। जारी आदेश में बलरामपुर जिला वाड्रफनगर नगर पंचायत उपाध्यक्ष के लिए बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी के विरूद्ध बागी होकर चुनाव लड़ने वाले पंकज कुमार गुप्ता को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
इसी तरह बालोद जिला में गुरूर जनपद अध्यक्ष पद के लिए बागी होकर चुनाव लड़ने वाली सुनीता साहू को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। बलरामपुर और बालोद में हुए इस कार्रवाई के बाद अब सबकी नजर कोरबा पर टिक गयी है। देखने वाली बात होगी कि बीजेपी हाईकमान कोरबा नगर निगम में सभापति की कुर्सी के लिए बागी बनकर चुनाव लड़ने वाले पार्षद नूतन राठौर के साथ ही अधिकृत प्रत्याशी का विरोध करने वाले विधायकों के खिलाफ क्या एक्शन लेती है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।

