कोरबा : जनपद पंचायत कोरबा में एक बार फिर घमासान मचा हुआ हैं। एक तरफ जनपद सदस्यों ने उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का बिगुल बजा दिया हैं। वही दूसरी तरफ जनपद उपाध्यक्ष ने सीईओं और जनपद के बाबू पर शासकीय खाते से निजी अकाउंट में 50 से 60 लाख रूपये निजी उपयोग के लिए RTGS करने का गंभीर आरोप लगाते हुए जनपद पंचायत के कार्यप्रणाली पर ही सवालिया निशान लगा दिया हैं। इस पूरे मामले पर कलेक्टर ने जांच का आदेश दे दिया हैं और जांच के बाद शिकायत सही पाये जाने पर दोषियों के खिलाफ कानून कार्रवाई करने की बात कही हैं।
जनपद कार्यायल में किस हद तक मनमानी की जा सकती है, इसकी बानगी देखनी हैं, तो कोरबा चले आईये। जीं हां पिछले कुछ दिनों से कोरबा जनपद पंचायत का कार्यायल राजनीतिक अखाड़ा बना हुआ हैं। यहां जन प्रतिनिधि और जनपद सीईओं आमने सामने हो गये हैं। ताजा मामला जनपद पंचायत कोरबा की उपाध्यक्ष कौशिल्या बाई वैष्णव के खिलाफ सदस्यों द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का हैं। आपको बता दे कि कोरबा जनपद के 24 सदस्यों मेें से 23 सदस्यों ने एक राय होकर जनपद उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन दिया गया हैं।
इस आवेदन पर कोरबा कलेक्टर संजीव झा ने डिप्टी कलेक्टर मनोज खांडे को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया हैं। जिनके द्वारा आगामी 9 फरवरी को अविश्वास प्रस्ताव का सम्मिलन की अध्यक्षता करते हुए निर्णय लेंगे। कोरबा जनपद की उपाध्यक्ष को पद से हटाने की लगभग पूरी तैयारी हो गयी थी, इसी बीच 30 जनवरी को ही उपाध्यक्ष कौशिल्या बाई वैष्णव ने एक पत्र कलेक्टर के नाम प्रेषित किया हैं। पत्र में जनपद उपाध्यक्ष ने जनपद सीईओं जी.के.मिश्रा और कार्यायल के बाबू एस.के. पांडे पर जनपद पंचायत के पंजाब नेशनल बैंक के खाता से खुद के निजी खाते में करीब 50 से 60 लाख रूपये आरटीजीएस करने का गंभीर आरोप लगाया गया हैं।
शिकायत पत्र में उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया हैं कि जब उन्होने इस मामले की जानकारी के बाद जनपद सीईओं जी.के.मिश्रा से जानकारी चाही गयी, तो सीईओं ने टाल-मटोल कर जवाब नही दिया गया। जनपद उपाध्यक्ष का कहना हैं कि उन्हे जनपद कार्यालय से ही 8 मार्च 2022 की तारीख में बैंक को लिखा एक पत्र मिला, जिसमें जनपद के खाता से सीईओं जी.के.मिश्रा और बाबू एस.के.पांडे के निजी खातों में पैसे आरटीजीएस करने की जानकारी सामने आयी। जनपद उपाध्यक्ष कौशिल्या बाई वैष्णव का आरोप हैं कि उन्होने जब इस पत्र की हकीकत जाननी चाही, तो जनपद सीईओं जी.के.मिश्रा ने अपनी पहुंच का हवाला देकर जवाब देने से इंकार कर दिया।
अब इस पूरे मामले की शिकायत जनपद उपाध्यक्ष ने कलेक्टर संजीव झा से की हैं। जनपद उपाध्यक्ष का आरोप हैं कि यदि सही तरीके से बैंक खातों की जांच की जाती हैं, तो गबन का बड़ा मामला सामने आयेगा। वही इस मामले पर कलेक्टर संजीव झा ने जांच का आदेश जिला पंचायत सीईओं को दिया हैं। कलेक्टर ने साफ किया कि जनपद उपाध्यक्ष की शिकायत उन्हे मिली हैं। जनपद के बैंक खाते से निजी अकाउंट में पैसा आरटीजीएस करने का प्रकरण गंभीर हैं। अगर ऐसा किया जाना पाया जाता हैं, तो निश्चित तौर पर इस प्रकरण में जो भी दोषी होगा, उनके खिलाफ पुलिस में FIR दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
कलेक्टर के इस आदेश के बाद अब देखने वाली बात होगी कि कोरबा जनपद में चल रहे इस घमासान में जीत किसकी होती हैं। 9 फरवरी को जनपद उपाध्यक्ष कौशिल्या बाई की कुर्सी जाती हैं ? या फिर कौशिल्या बाई की शिकायत पर जनपद के सीईओं और बाबू पर कोई बड़ा एक्शन लिया जाता हैं ? ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।
