कोरबा :- प्रेमिका को किसी तीसरे से बात करने के शक पर खौफनाक तरीके से मौत के घाट उतारने वाले युवक को कोरबा जिला अदालत ने उम्र कैद की कड़ी सजा सुनाई है. इस घटना में शहर के पंप हाउस स्थित घर में धारदार पेंचकस से 51 बार गोदकर नृशंस हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था. हत्या को अंजाम देने वाले आरोपी को आजीवन कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया है. ये घटना 24 दिसंबर 2022 को हुई थी. जिसने खूब सुर्खियां बटोरी थी.
समझिए क्या था पूरा मामला : मामला थाना कोतवाली थाना अंतर्गत पम्प हाउस कॉलोनी का है. 24 दिसंबर 2022 की है. विशेष लोक अभियोजक रमेश सिंह यादव ने बताया कि पम्प हाउस निवासी प्रार्थी एक कम्पनी में हाउस कीपर और उसकी पत्नी स्कूल में आया का काम करती थी. इनकी बेटी कक्षा 12वीं पास करने के बाद घर में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही थी.लड़की हायर सेकेण्डरी स्कूल में 9वीं से 12वीं तक पढ़ाई के दौरान सृष्टि बाबा बस से रोज आना-जाना करती थी.
आरोपी ने पहले परिवार को भड़काने की कोशिश की थी : इसी दौरान बस के कंडक्टर से इसकी जान-पहचान हो गई थी. दोनों आपस में मोबाइल से बातचीत करते थे. घटना से 1 माह पहले लड़की की मां को आरोपी ने बताया कि उनकी बेटी किसी अन्य लड़के से बात करती है. आरोपी अलग-अलग मोबाइल नंबरों से फोन कर लड़की से गाली-गलौच और विवाद करता है. जान से मार देने की धमकी देता था.
कंडक्टर ने खेला खूनी खेल : 24 दिसम्बर 2022 को घटना वाले दिन सुबह सभी अपने काम पर गए थे. लड़की अपने घर पर अकेली थी. इस दौरान लड़की के भाई ने पिता को फोन करके कहा कि वो मां को लेकर जल्दी घर आए.जब सभी घर आए तो देखा कि लड़की अचेत हालत में घर में पड़ी थी. उसके मुंह और नाक से खून निकल रहा था. सीने के पास पड़े कपड़े में भी खून लगा था.
पूरे शरीर पर वार के निशान : लड़की के चेहरे, गर्दन, हाथ और सीने में कई जगह नुकीले सूजानुमा औजार से चोट के निशान थे. जमीन में एक नुकीला सूजानुमा लोहे का औजार, खून से सने 2 काले रंग के लेदर जूते और दीवान के किनारे एक थैले में खाली पानी का बाटल, 3 नए पेचकस, 1 सूजा, 3 टेबलेट और रेजर पड़ा हुआ था. बिस्तर में पड़े शर्ट के पॉकेट में आरोपी के नाम का हवाई जहाज और बस का टिकट रखा मिला. पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर थाना कोतवाली में एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू की गई.
कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा : जांच के बाद पुलिस ने न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया गया. लोक अभियोजक रमेश सिंह यादव ने बताया कि प्रकरण की सुनवाई के दौरान आरोपी के खिलाफ परिस्थितियों, साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर हत्या और बलात्कार का दोष सिद्ध हो गया. आरोपी ने न सिर्फ सूजानुमा धारदार हथियार से 51 बार वार कर युवती की नृशंस हत्या की थी, बल्कि उसके साथ अनाचार भी किया था.
किन धाराओं में सुनाई गई सजा : न्यायालय विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 कोरबा पीठासीन न्यायाधीश- जयदीप गर्ग ने मुख्य आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 302 एवं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(2) (डब्ल्यू) के अंतर्गत दण्डनीय अपराध में दोष सिद्ध पाया.आरोपी को आजीवन सश्रम कारावास और तीनों धाराओं में 25-25 हजार, कुल 75 हजार रूपए के जुर्माना की सजा से दंडित किया है. अर्थदंड की राशि का भुगतान न करने पर 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा.