रायपुर:- कई बार उपभोक्ता ठगी का शिकार होते हैं, या फिर उनकी वस्तुओं की गारंटी, क्वॉलिटी को लेकर भी शिकायत होती है. ऐसी स्थिति में उपभोक्ता आयोग जाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें समझ नहीं आता है, कि वह शिकायत कैसे करें. कई बार वकीलों के जरिए भी आयोग में उपभोक्ता शिकायत करते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें वकीलों को मोटी रकम देनी पड़ती है. कुछ उपभोक्ता तो इसलिए भी नहीं जाते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि बार-बार आयोग के चक्कर काटने पड़ेंगे, काफी लम्बा समय लगेगा, लम्बी चौड़ी कागजी कार्यवाही करनी होगी, और ऐसे में उपभोक्ता आयोग में शिकायत करने से बचता है.
घर बैठे उपभोक्ता फोरम में करे शिकायत: लेकिन अब छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें न्याय पाने के लिए लंबी चौड़ी कागजी कार्रवाई नहीं करनी होगी, ना ही वकील को मोटी रकम देनी होगी, इसके अलावा बार-बार उपभोक्ता आयोग के चक्कर भी नहीं काटने होंगे. छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं को घर बैठे न्याय की सुविधा मिलेगी. ऐसी व्यवस्था छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने की है. यह जानकारी छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिया ने दी.
न्यायमूर्ति गौतम चौरडिया ने बताया कि अब बिना वकील, बिना पैसे, घर बैठे उपभोक्ता न्याय पा सकते हैं. उन्हें बार-बार आयोग के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे. उन्हें सिर्फ दो पेज का फॉर्म भरना होगा और उनकी शिकायत आयोग में दर्ज हो जाएगी. इसके बाद आयोग अपनी कार्रवाई शुरू कर देगा.
छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष से जाने पूरी प्रक्रिया: न्यायमूर्ति गौतम चौरडिया ने बताया कि यदि कोई उपभोक्ता आयोग आकर आवेदन लिखकर शिकायत नहीं कर सकता है, तो उसके लिए ऑनलाइन शिकायत करने की व्यवस्था भी आयोग के द्वारा की गई है. जिसके जरिए उपभोक्ता प्रदेश सहित देश के किसी भी कोने में बैठकर अपनी शिकायत आयोग में दर्ज कर सकता है. ऑनलाइन व्यवस्था शुरू किए जाने के कारण बस्तर में बैठा उपभोक्ता भी न्याय पा रहा है.
न्यायमूर्ति गौतम चौरडिया ने बताया कि इतना ही नहीं आयोग ने यह भी सुविधा दी है कि यदि कोई उपभोक्ता आयोग नहीं आ सकता है, तो वह घर बैठे ई हियरिंग का लाभ भी उठा सकता है. इसके जरिये उपभोक्ता बिना आयोग आए भी अपनी बात आयोग के समक्ष रख सकता है. आयोग उसकी सुनवाई ई हियरिंग के जरिए करता है और उसे न्याय देता है. इस तरह की व्यवस्था शुरू की जाने से अब उपभोक्ता कहीं भी बैठकर छत्तीसगढ़ आयोग में अपनी बात रख सकता है और न्याय पा सकता है.
न्यायमूर्ति गौतम चौरडिया ने बताया कि ऐसी व्यवस्था किए जाने का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को बिना परेशानी आसान तरीके से कम समय में बिना पैसे खर्च किए न्याय दिलाना है. जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा इसका लाभ ले सके. यदि प्रक्रिया सहज सरल और आसान होगी तो स्वाभाविक है कि न्याय जल्दी मिलेगा और यदि न्याय जल्दी मिलेगा तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ लेंगे, इन्हीं उद्देश्यों के साथ छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग काम कर रहा है.
छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग में शिकायत के लिए उपभोक्ता को दो पेज के आवेदन फॉर्म भरना होता है. जिसमें उपभोक्ता को तारीख, अपना नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस की जानकारी देनी होती है. इसके बाद उपभोक्ता जिसके खिलाफ शिकायत करना चाहता है, उसका नाम, पता, व्यवसाय उसका पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी देना होता है. परिवाद के संक्षिप्त तथ्य विवरण एवं प्रकृति भी इस आवेदन में लिखना होता है. साथ ही सामान खरीदने की तिथि,सेवा प्राप्त करने के लिए भुगतान की गई राशि और उसकी तिथि का भी उल्लेख करना होता है. फार्म में शिकायत के कारण की जानकारी भी देनी होती है.


इसके अलावा यदि सामान से संबंधित कोई गारंटी कार्ड सहित अन्य दस्तावेज हो, तो वह भी आयोग को उपलब्ध कराना होता है. इसके अलावा कुछ अन्य जानकारी भी इस दो पेज के फॉर्म में देनी होती है और उसके बाद आपकी शिकायत छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग में दर्ज हो जाती है और आयोग उसके आधार पर अपनी कार्रवाई शुरू कर देता है.