कवर्धा:- भोरमदेव अभयारण्य अंतर्गत पूर्व चिल्फी वन परिक्षेत्र में बायसन के अवैध शिकार का सनसनीखेज मामला सामने आया. बुधवार को बहनाखोदरा जंगल के बीट क्रमांक 333 में बायसन के सिर और पैर का अवशेष मिलने के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया. बीट गार्ड की सूचना पर परिक्षेत्र अधिकारी मौके पर पहुंचे, जहां सर्चिंग के दौरान कुछ दूरी पर एक और बायसन के अवशेष मिले. प्रारंभिक जांच में पता चला कि एक ही सप्ताह में दो बायसन का करंट लगाकर अवैध शिकार किया गया है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर से सीसीएफ सतोविशा मजूमदार तुरंत कवर्धा पहुंचीं.अचानकमार टाइगर रिजर्व से डॉग स्क्वायड को बुलाकर चिल्फी पुलिस की मदद से सल्हेवारा गांव के पांच संदेहियों को हिरासत में लिया गया. आरोपियों के घरों से शिकार में प्रयुक्त जेआई तार, कुल्हाड़ी, चाकू सहित अन्य सामग्री और बायसन का मांस बरामद किया गया. पूछताछ में आरोपियों ने अपराध स्वीकार करते हुए अन्य साथियों के शामिल होने की जानकारी दी.
बायसन का शिकार करने वाले 5 आरोपी गिरफ्तार: वन विभाग ने सभी पांच गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया. मामले में अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है. साथ ही घटना स्थल के चार किलोमीटर क्षेत्र में फैली करंट युक्त तार को जब्त कर लिया गया है और मौके से मिले वन्य प्राणी के अवशेषों को वैज्ञानिक प्रक्रिया से नष्ट किया गया.
चिल्फी रेंजर को नोटिस: मामले में लापरवाही पाए जाने पर चिल्फी के वन परिक्षेत्र अधिकारी लाल सिंह मरकाम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. वन मंडल अधिकारी निखिल अग्रवाल ने बताया कि पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

