मोहला-मानपुर : मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में आदिवासी छात्रावास में पढ़ने वाली दो छात्राओं की संदिग्ध परिस्थिति में मौत से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि दोनों छात्रा रक्षाबंधन से एक दिन पहले अपने घर जाने के लिए रवाना हुई थी। घर पहुंचते ही दोनों छात्राओं की तबियत एकाएक बिगड़ गया, जिससे दोनों की मौत हो गयी। दोनों आदिवासी छात्राएं 7वीं और 10वीं कक्षा में अध्यनरत थी। अलग-अलग गांवों में इनकी मौत हुई है। उधर इस घटना की जानकारी के बाद भी जवाबदार अधिकारी पूरे मामले पर 2 दिनों तक पर्दा डालकर बैठे रहे।
आदिवासी छात्राओं की मौत का ये मामला अंबागढ़ चौकी और मानपुर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक मोहड़ गांव की 12 वर्षीय मान्यता अमरिया और ग्राम परालझरी निवासी 15 वर्षीय सपना जाड़े प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास में अध्ययनरत थी। अमरिया 7वीं क्लास और सपना 10वीं क्लास में अध्यन्नरत थी। बताया जा रहा है कि रक्षाबंधन पर्व से ठीक पहले 17 अगस्त को दोनों छात्राए अपने परिजनों के साथ अपने-अपने घर जाने के लिए रवाना हुई थी। लेकिन घर पहुंचने के ही दोनों छात्राओं की रक्षाबंधन की रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। घरवालों की माने तो 7वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा मान्यता अमरिया की रक्षाबंधन की रात अचानक तबीयत बिगड़ गई।
आनन-फानन में परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। जहां जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। छात्रा की मौत की सूचना जिले के वरिष्ठ अधिकारी और पुलिस को नहीं दी गई। वहीं 10वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा सपना जाड़े रक्षाबंधन में अपने मौसी के घर कांकेर जिले के दुर्गुकोदल के कोड़ेखूर्से गई हुई थी। जहां त्योहार की आधी रात उसकी भी एकाएक तबियत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई। खबर मिलने के बाद परिजन बस्तर से शव लेकर आए। जहां बच्ची का अंतिम संस्कार ग्राम परालझरी में किया गया। उधर हॉस्टल से घर जाते ही दो छात्राओं की मौत की घटना से हड़कंप मचा हुआ है।
इस पूरे मामले में जब छात्रावास की अधीक्षिका श्रद्धा देशमुख से जानकारी चाही गयी, तो उन्होने अपना पक्ष रखते हुए 7वीं कक्षा की छात्रा का हार्ट अटैक से मौत होने के साथ ही दसवीं कक्षा की छात्रा की झोलाछाप डॉक्टर से इलाज से मौत होने की दलील दी गयी। आपको बता दे प्री मैट्रिक आदिवासी छात्रावास में पढ़ने वाली 2 आदिवासी छात्राओं की घर में जाते ही संदिग्ध मौत की खबर जिला प्रशासन तक को नही दी गयी। छात्राओं की संदिग्ध मौत को हॉस्टल वार्डन और आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त 2 दिन तक दबाए रखे। इस घटना ने एक बार फिर आदिवासी छात्रावास की व्यवस्था और जवाबदार अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है। देखना होगा कि इस घटनाक्रम पर जिला प्रशासन का क्या रूख रहता है, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।