रायपुर: नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई की टीम ने गुरुवार (18 जुलाई) को पेपर लीक मामले से जुड़े 4 छात्रों को गिरफ्तार किया है. वहीं, चारों छात्रों को बिहार की राजधानी पटना से गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई का कहना है कि ये चारों स्टूडेंट पटना स्थित एम्स में पढ़ने वाले एमबीबीएस के छात्र हैं.
सीबीआई के मुताबिक, एमबीबीएस के तीसरे वर्ष के तीन छात्रों चंदन सिंह, राहुल अनंत व कुमार शानू और सेकेंड ईयर के एक छात्र करन जैन को पूछताछ के बाद सीबीआई टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. अधिकारियों ने बताया कि एम्स के वरिष्ठ संकाय सदस्यों की मौजूदगी में छात्रों को छात्रावास के उनके कमरों से ले जाया गया. उन्हें बताया गया था कि जांच के लिए छात्रों की जरूरत है. सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई टीम ने हॉस्टल के उनके कमरों को भी सील कर दिया है.
सीबीआई ने की पटना एम्स के 4 छात्रों से की पूछताछ
इस मामले में एम्स पटना के निदेशक जीके पॉल ने बताया, ‘‘सीबीआई एम्स पटना के चार छात्रों को अपने साथ ले गई है. जिसमें चंदन सिंह, राहुल अनंत और कुमार शानू थर्ड ईयर के छात्र हैं और करण जैन सेकेंड ईयर का छात्र है.’उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें छात्रों की तस्वीरें और मोबाइल नंबर भेजे हैं. पॉल ने बताया कि सीबीआई की एक टीम डीन, छात्रावास वार्डन और निदेशक के ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) की मौजूदगी में छात्रों को ले गई है.
CBI ने कल किए थे 2 आरोपी गिरफ्तार
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि इससे दो दिन पहले सीबीआई ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार उर्फ आदित्य को मंगलवार को गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि कुमार ने हजारीबाग में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के ट्रंक से नीट-यूजी का प्रश्नपत्र चुराया था. सीबीआई के मुताबिक, बोकारो निवासी कुमार को पटना से गिरफ्तार किया गया.
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने राजू सिंह नाम के व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है, जिसने कथित तौर पर प्रश्नपत्र चुराने में कुमार की मदद की थी. जबकि, सिंह को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया था.
अब तक CBI ने नीट पेपर लीक मामले में 6 FIR की दर्ज
मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई ने 6 केस दर्ज किए हैं. वहीं, बिहार में दर्ज प्राथमिकी प्रश्नपत्र लीक होने से जुड़े है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज बचे हुए मुकदमें अभ्यर्थियों की जगह पर किसी और के परीक्षा देने और धोखाधड़ी से जुड़ा हैंय केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संदर्भ के आधार पर एजेंसी की अपनी एफआईआर, नीट-यूजी 2024 में कथित अनियमितताओं की ‘व्यापक जांच’ से जुडा हुआ है.