नई दिल्ली:- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ है. यह घटना तब हुई जब मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास कैंप ऑफिस में आम जनता की शिकायतों को सुन रही थीं. इस अप्रत्याशित हमले ने राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. सीएम कार्यालय के अनुसार वे ठीक हैं, उन्होंने बताया है कि उनके कार्यक्रम रद्द नहीं होंगे. हालांकि जैसे ही यह हमला हुआ, मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया और अधिकारियों ने तुरंत सुरक्षा व्यवस्था को चौकस किया.
जनसुनवाई को दौरान सीएम रेखा गुप्ता पर हमला: बता दें कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता हर बुधवार को अपने आवास पर ‘जनता सुनवाई’ आयोजित करती हैं, जहां वे सीधे लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करती हैं. आज के कार्यक्रम में भी भारी भीड़ थी. मुख्यमंत्री एक-एक कर लोगों से मिल रही थीं, तभी सुबह साढ़े आठ बजे करीब एक व्यक्ति ने उनके पास आने का प्रयास किया. उसने कुछ पेपर फेकें और थप्पड़ मारने की कोशिश की. सीएम दफ्तर में पहुंचे प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उस व्यक्ति ने अचानक मुख्यमंत्री की ओर कुछ कागजात फेंके और मारने की कोशिश की. हालांकि, मुख्यमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत एक्शन में आकर उन्हें बचा लिया. इस घटना से वहां अफरा-तफरी मच गई
सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी को तुरंत दबोचा : सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत हमलावर को दबोच लिया. उसकी उम्र 41 वर्ष के आसपास है. प्रारंभिक पूछताछ में उसने दावा किया कि वह अपनी एक निजी समस्या को लेकर मुख्यमंत्री से नाराज था, जिसका समाधान नहीं हो रहा था. पुलिस ने उसे तुरंत हिरासत में ले लिया और आगे की पूछताछ जारी है. इस हमले के बाद मुख्यमंत्री को तुरंत उनके निजी चैंबर में ले जाया गया. एक आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि मुख्यमंत्री सुरक्षित हैं और उन्हें कोई चोट नहीं आई है. हालांकि, डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी जांच की और उन्हें कुछ समय आराम करने की सलाह दी है.
मंत्री सिरसा ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग : दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पर जो हमला किया गया उसकी हम निंदा करते हैं. मुख्यमंत्री हमेशा दिल्ली के लोगों की चिंता करती रहती हैं. उनके लिए लगातार अच्छे फैसले ले रही है. यही विरोधियों को हजम नहीं हो रहा है. उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है. इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है.
