कांग्रेस नेता का अस्पताल परिसर में घुसपैठ
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धमतरी निवासी यशवंत गंजीर। छत्तीसगढ़ के धमतरी में जिला अस्पताल में डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों पर हमला हुआ है। कांग्रेस नेता निशु चंद्राकर और उनके साथियों ने 25 अगस्त की रात 1:45 बजे माइनर ओटी (ड्रेसिंग) रूम में घुसकर गाली-गलौच करते हुए डॉक्टरों और स्टाफ पर हमला किया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता निशु चंद्राकर और उनके सहयोगियों ने जबरन ड्रेसिंग रूम में घुसकर डॉक्टरों को धमकाया और कमरा खाली करने से इनकार कर दिया। जान से मारने की धमकी से मरीज का इलाज बाधित हुआ, और यह गुंडागर्दी सुबह 3 बजे तक जारी रही। इस घटना ने चिकित्सा कर्मचारियों को गहरी चिंता में डाल दिया है, और वे अपनी सुरक्षा को लेकर भयभीत हैं। यह तीसरी बार है जब निशु चंद्राकर और उनके सहयोगियों ने अस्पताल परिसर में अवैध रूप से प्रवेश किया और डॉक्टरों पर हमला किया है।
चिकित्सा सेवाओं को निलंबित करने के लिए डॉक्टर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इस अत्याचार के खिलाफ प्रतिक्रिया स्वरूप, भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के समर्थन से धमतरी जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। वे तत्काल प्रभाव से धमतरी जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में गैर-आवश्यक चिकित्सा सेवाओं को निलंबित करेंगे। यह निर्णय तब तक लागू रहेगा जब तक हमलावरों को पकड़कर न्याय के समक्ष नहीं लाया जाता। डॉक्टरों ने स्थानीय अधिकारियों को 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
- निशु चंद्राकर और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मारपीट, धमकी देने, अवैध प्रवेश और सार्वजनिक सेवा में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया जाए।
2. धमतरी में चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुरक्षा प्रबंधों को सुधारने की जरूरत है।
3. समय सीमा के भीतर उचित कार्रवाई न होने पर विरोध प्रदर्शन तेज होंगे, और तब तक सभी चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी, केवल आपातकालीन देखभाल को छोड़कर।
डॉक्टरों ने उच्च अधिकारियों से अपील की।
धमतरी के डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री कार्यालय, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और स्थानीय प्रशासनिक तथा कानून प्रवर्तन अधिकारियों से हस्तक्षेप की अपील की है और त्वरित कार्रवाई की मांग की है। यह कदम चिकित्सा समुदाय की गहरी चिंता और हताशा को दर्शाता है, जो लगातार हिंसा और धमकियों का शिकार हो रहा है। जिला अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी मरीजों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अब सुरक्षा और सम्मान की कमी को बर्दाश्त नहीं कर सकते।