रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 38 लाख स्टूडेंट्स से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से संवाद कर रहे हैं. पीएम मोदी परीक्षा को लेकर होने वाले तनाव से बचने बच्चों को टिप्स दे रहे हैं. पीएम मोदी आज बच्चों से परीक्षा पे चर्चा के 6वें संस्करण को संबोधित कर रहे हैं. साल 2018 में पहली बार परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
आज की इस क्लास में रायपुर की बेटी अदिति दीवान ने पीएम मोदी से पूछा सवाल,टाइम मैनेजमैंट को लेकर पीएम से किया सवाल,
मैं इस बात को लेकर चिंतित रहती हूं कि मुझे बहुत कुछ करना है, लेकिन अंतिम तक मैं कुछ भी नहीं कर पाती क्योंकि मेरे पास बहुत सारे कार्य होते हैं, यदि कोई कार्य समय पर पूरा कर भी लूं तो और ज्यादा परेशान हो जाती हुं,क्योंकि बाकि कार्यों को करने में बहुत ज्यादा देर लगा देती हुं या आगे तक के लिए टाल देती हुं, मैं अपने सारे कार्य सही समय पर कैसे करूं….
पीएम मोदी ने दिया जवाब
काम करने से संतोष होता है,काम ना करने से थकान लगती है,कागज और पेंसिल लेकर डायरी पर लिखे,नोट करें,समय कहां बीताते हैं,कितना समय किस विषय को देते हैं एनालिसिस किजिए,आप पाएंगे कि अपनी पसंद की विषय पर आप ज्यादा समय लगाते हैं,जब माइंड फ्रेश हो तो कठिन विषय पर करे पढ़ाई. एक स्लैब बनाकर पढ़ेंगे तो रिलैक्सेशन मिलेगा पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी
पीएम ने माँ का दिया उदाहरण
माँ की गतिविधियों को ढंग से ऑब्जर्व करेंगे तो पता चलेगा कि समय का सदुपयोग कैसे करना है
रायपुर KPS की छात्रा अदिति दीवान ने पीएम मोदी से पूछा सवाल,….टाइम मैनेजमैंट को लेकर पीएम से किया सवाल, pic.twitter.com/lnO274FyGI
— NWNEWS24.COM (@newwaynews24) January 27, 2023
इसके इलावा पीएम मोदी से रायपुर से अदिति – परीक्षा के दौरान सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात है कि पढ़ाई कहां से शुरू करूं हमेशा लगता है सब कुछ भूल गई हूं, ये काफी तनाव देता है?
PM मोदी- ‘सिर्फ परीक्षा नहीं, जीवन में भी टाइम मैनेजमेंट के लिए जागरूक रहना चाहिए। काम में देर इसलिए होती है, क्योंकि वक्त पर वो किया नहीं जाता। काम करने की कभी थकान नहीं होती। उससे संतोष होता है। काम ना करने से थकान लगती है। सामने दिखता है कि इतना सारा काम है। आप कभी कागज पर पेन-पेंसिल लेकर डायरी पर लिखिए। हफ्ते भर नोट कीजिए कि आप अपना समय कहां बिताते हैं।
पढ़ाई करते हैं तो कितना समय किस विषय को देते हैं। शॉर्टकट ढूंढते हैं, कि बेसिक में जाते हैं। आपको पता चलेगा कि पसंद की चीजों में सबसे ज्यादा समय लगाते हैं। उसी में खोए रहते हैं। जरूरी विषय बोझ लगते हैं। आप सिर्फ पढ़ना है, पढ़ने में भी जब फ्रेश माइंड है, तब सबसे कम पसंद और कठिन विषयों को देखिए। फिर पसंद वाला, फिर थोड़ा कम पसंद वाला विषय। ऐसे आपको रिलैक्सेशन मिलेगा और तैयारी भी होगी।
’‘मुझे पतंग का बहुत शौक था। पतंग का जो मांझा होता है, उलझकर गुच्छा बन जाता है। धीरे-धीरे एक-एक तार को पकड़कर उसे सुलझाना होता है। धीरे-धीरे इतना बड़ा गुच्छा भी आराम से खुल जाएगा। हमें भी जोर-जबरदस्ती नहीं करनी है। समाधान आराम से निकालना है। अगर ऐसा करेंगे तो ये हो जाएगा। कभी घर में मां को काम करते देखा है क्या। अच्छा लगता है कि स्कूल जाना है, स्कूल से आना है..मां सब रेडी करके रखती है।
मां का टाइम मैनेजमेंट कितना बढ़िया है। सबसे ज्यादा काम मां ही करती रहती है। किसी काम में उसे बोझ नहीं लगता। उसे मालूम है कि मुझे इतने घंटे में ये काम करना ही है। एक्स्ट्रा टाइम में भी वो कुछ ना कुछ क्रिएटिव करती रहेगी। अगर मां को ढंग से ऑब्जर्व करेंगे तो आपको छात्र के तौर पर टाइम मैनेजमेंट कर लेंगे। माइक्रो मैनेजमेंट करना होगा।’
बस्तर से रूपेश, – परीक्षा में नकल से कैसे बचें?
PM मोदी- मुझे खुशी हुई कि हमारे विद्यार्थियों को भी यह लग रहा है कि परीक्षा में जो गलत होता है, उसका रास्ता खोजना चाहिए। मेहनती विद्यार्थियों को इसकी चिंता रहती है कि मैं इतनी मेहनत करता हूं और ये चोरी करके नकल करके गाड़ी चला लेता है। पहले भी चोरी करते होंगे लोग, लेकिन छिपकर। अब गर्व से करते हैं कि सुपरवाइजर को बुद्धू बना दिया। ये जो मूल्यों में बदलाव आया है, वो बहुत खतरनाक है।
ये हम सबको सोचना होगा। कुछ लोग या टीचर्स जो ट्यूशन चलाते हैं, उन्हें भी लगता है कि मेरा स्टूडेंट अच्छी तरह निकल जाए। वो ही नकल के लिए गाइड करते हैं। ऐसे टीचर होते हैं ना? कुछ छात्र पढ़ने में तो टाइम नहीं निकालते हैं, नकल के तरीके ढूंढने में क्रिएटिव होते हैं। उसमें घंटे लगा देंगे। छोटे-छोटे अक्षरों की कॉपी बनाएंगे। इसकी बजाय उतना ही समय क्रिएटिविटी को सीखने में लगा दें ना तो शायद अच्छा कर जाएं।’