रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। तीन दिसंबर को देर रात चुनाव परिणाम आने के बाद भूपेश बघेल ने अपना इस्तीफा राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को सौंप दिया था। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल के सदस्यों का त्यागपत्र सौंप दिया था। इस इस्तीफा को स्वीकृत कर लिया गया है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के आदेशानुसार, छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण करने तक कार्यभार संभालने के लिए निवर्तमान सीएम भूपेश बघेल को कहा गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस्तीफे के बाद अधिकारियों के भी इस्तीफों का सिलसिला शुरू हो गया है। वहीं भूपेश बघेल के चारों सलाहकारों के इस्तीफे के बाद राज्य शासन ने उनकी सेवाएं खत्म कर दिया है। इसके साथ ही उनकी सभी सरकारी सुविधाएं भी वापस ले लिया गया है। भूपेश बघेल के चार सलाहकारों में राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, पंचायत और ग्रामीण विकास सलाहकार प्रदीप शर्मा, संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी और मीडिया सलाहकार रूचिर गर्ग शामिल हैं। इस्तीफे के बाद मुख्य सचिव ने आगे की कार्रवाई करने के लिए जीएडी को भेज दिया है।
वहीं सलाहकारों के भवन को खाली करने को कहा है। महाअधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा और संविदा नियुक्ति में प्रमुख सचिव शिक्षा के पद पर सेवा दे रहे पूर्व आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला अपना इस्तीफा राज्य शासन को भेज चुके हैं। इसके साथ ही ग्रामोद्योग बोर्ड अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने भी अपना इस्तीफा विभागीय सचिव को सौंप दिया है। इसी क्रम में भूपेश बघेल के सचिवालय में पदस्थ अफसरों को मूल विभाग में लौटाने के लिए छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। इसमें सामान्य प्रशासन विभाग ने दो निज सचिव और चार ओएसडी को मूल विभाग वापस भेज दिया है।