रायपुर। एमिटी युनिवर्सिटी में एक लड़की से बात करने को लेकर छात्रों के दो गुट आपस में भीड़ गए, इस दौरान कई छात्रों को चोट आई है। घटना तीन दिन पुरानी बताई जा रही है जहां बॉयज होस्टल में देर रात जमकर मारपीट हुई।
बीते तीन दिनों से लगातार इस बात को लेकर छात्र विरोध भी करते नजर आ रहे हैं।छात्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीबीए फर्स्ट ईयर के छात्र हर्ष चंद्रसेन और फैजल खान में क्लास की ही किसी लड़की से बात करने को लेकर पुराना विवाद था, फैजल ने हर्ष को उस लड़की से बात करने के लिए मना किया, यहीं से विवाद शुरू हुआ।मना करने के बाद भी हर्ष ने फैजल की बात नहीं मानी, जिसके बाद 15-16 नवंबर की दरमियानी रात फैजल अपने दो दोस्तों फहद और श्रीजन अख्तर के साथ रात को बॉयज होस्टल में हर्ष के कमरे में पहुंचा वहां भी मारपीट हुई, दोनों की बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए बाकी के छात्रों ने हर्ष को उसके कमरे में बंद कर दिया।
मारपीट के बाद का वीडियो छात्रों ने बनाया है जिसमें खिड़की में लगे कांच के टुकड़े पूरे कमरे में बिखरे हुए हैं। एक छात्र जिसका नाम हर्ष बताया जा रहा है उसके माथे पर चोट भी लगी है। कमरे में और भी चीजों के साथ तोड़ फोड़ का आरोप लगाया गया है।नाम न बताने की शर्त पर होस्टल के छात्रों ने बताया कि विवाद की रात होस्टल में आए लड़कों के हाथों में लाठी-डंडे के साथ साथ कट्टा भी था। चाक़ू दिखाने के साथ साथ दूसरे पक्ष के छात्र कट्टा भी लहरा रहे थे इसको लेकर भी शिकायत हमने कॉलेज प्रबंधन को की है।
छात्रों के बीच झगडे के बाद हर्ष को एक फ़ोन आया जिसमें उसे जान से मरने की धमकी दी जा रही है, फ़ोन पर एक शख्स कहता हुआ नजर आ रहा है कि जल्द से जल्द कोम्प्रो कर लो नहीं तो जिंदा गाड़ दूंगा कहते हुए धमकी दे रहा है।विवि रजिस्ट्रार डॉ सुरेश ध्यानी ने बताया कि इस घटना की शिकायत मिली थी, इसको लेकर 4 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है, मुझे फ़िलहाल पूरी घटना की जानकारी नहीं है जो दोषी हैं उनपर कार्यवाही की जाएगी।
NSUI जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने इस मामले में आज ज्ञापन सौपा है, उन्होंने बताया कि एमिटी विश्विद्यालय के डिप्टी डायरेक्टर बिमलेश सिंह चौहान के दोषी पक्ष बेहद करीबी है डिप्टी डायरेक्टर के करीबी होने के करण छात्र/छात्राओ के लगातार शिकायत के बाद भी अभी तक न दोषी पक्ष जो चाकू,रॉड एवं कट्टा लेकर विभिन्न छात्रों के रूम में जाकर हमला कर रहे थे उन्हें न तो निलंबित किया गया न ही उनके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही की गई।