नई दिल्ली:- केंद्र सरकार में किसी कर्मचारी द्वारा स्वायत्त निकाय में की गई सेवा को ग्रेच्युटी प्रदान करने के लिए गिना जाएगा. यह जानकारी गुरुवार को राज्यसभा को दी गई.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित उत्तर में कहा कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने केंद्र सरकार के नागरिक कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियम, 2021 को अधिसूचित किया है. उन्होंने कहा कि ये नियम स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों पर स्वतः लागू नहीं होते.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “हालांकि, डीओपीपीडब्ल्यू ने 12 फरवरी, 2020 के कार्यालय ज्ञापन के तहत यह प्रावधान किया है कि केंद्र सरकार के समान अपने कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट, डेथ ग्रेच्युटी के प्रावधान के साथ राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली वाले स्वायत्त निकायों से आने पर, स्वायत्त निकाय में प्रदान की गई सेवा को केंद्र सरकार में ग्रेच्युटी प्रदान करने के लिए गिना जाएगा. बशर्ते कि कर्मचारी सरकार में दूसरी नियुक्ति लेने के लिए उचित अनुमति के साथ इस्तीफा दे.
मंत्री ने कहा कि स्वायत्त निकायों द्वारा ग्रेच्युटी का भुगतान, ब्याज का भुगतान या सेवा अवधि की गणना आदि, उस विशेष स्वायत्त निकाय द्वारा अपनाए जा रहे ग्रेच्युटी नियमों पर निर्भर करते हैं.
नियम की स्थिति के विवरण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, किसी स्वायत्त निकाय से उचित अनुमति और तकनीकी त्यागपत्र के साथ सरकारी निकाय में ट्रांसफर हुए एनपीएस कर्मचारी को स्वायत्त निकाय में की गई पिछली सेवा को केंद्र सरकार में न गिने जाने और पिछली सेवा के लिए ग्रेच्युटी का भुगतान प्राप्त करने का विकल्प चुनने की अनुमति देता है.
अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने केंद्र के जवाब का स्वागत किया और कहा कि इससे संबंधित कर्मचारियों के मन से किसी भी संदेह को दूर करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि, सरकार का यह कहना कि एक स्वायत्त निकाय में की गई सेवा को केंद्र सरकार में ग्रेच्युटी प्रदान करने के लिए गिना जाएगा, एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है.