आरंग/सोमन साहू:- कथावाचक पं० श्री सच्चिदानंद पाठक जी महराज अपने की मुख से जगत् जननी जगदम्बिका का महिषासुर वध की कथा, बताया जिसमे बताया कि मां दुर्गा ने किस प्रकार दुराचारी हुई अंत किया मां दुर्गा के विभिन्न रूपो का दर्शन अपने कथा शैली से कराया जिसमे मां पार्वती से, कौशिकी कालि का कालीका प्रादुर्भाव हुआ जिससे धूम्र लोचन, चण्ड- मुण्ड, रक्तबीज, शुम्भ – निशुम्भ, दैत्य़ों का वध किया
