सीट 11A का चमत्कार, दो विमान दुर्घटनाएं, मौत को धोखा देने वाले दो लोगों की एक जैसी कहानी
नई दिल्ली :- थाईलैंड के सिंगर और अभिनेता रुआंगसाक लोयचुसाक भी 1998 में हुए एक विमान हादसे में जीवित बच गए थे. रुआंगसाक भी विमान की सीट 11A पर बैठे थे. हाल ही में एअर इंडिया विमान दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र यात्री विश्वास कुमार रमेश भी सीट 11A पर बैठे थे. दोनों की सोशल मीडिया में चर्चा हो रही है. लोग इसे महज संयोग और चमत्कार बता रहे हैं.
एअर इंडिया विमान हादसे में रमेश के जीवित बचने की घटना के बाद रुआंगसाक ने फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, “भारत में विमान दुर्घटना में जीवित बचे व्यक्ति और मैं एक ही सीट पर बैठे थे- 11A.” उन्होंने विमान हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की.
रुआंगसाक थाई एयरवेज की फ्लाइट TG261 में यात्री थे, जो दिसंबर 1998 में दक्षिणी थाईलैंड में एक दलदल में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस विमान दुर्घटना में 100 से अधिक लोग मारे गए थे और दर्जनों लोग घायल हुए थे. सिंगर रुआंगसाक चमत्कारिक रूप से बच गए थे, लेकिन वर्षों तक वह इस आघात उबर नहीं पाए और एक दशक तक उन्होंने हवाई यात्रा नहीं की.
एअर इंडिया प्लेन क्रैश की हालिया दुर्घटना भारत की सबसे खराब विमानन दुर्घटनाओं में से एक है. गुजरात के अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहा बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान 12 जून को उड़ान भरने के फौरन बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 241 लोग मारे गए. इस विमान हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री 45 वर्षीय विश्वास कुमार रमेश सीट 11A पर बैठे थे. रमेश फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं, उनके बाएं हाथ झुलस गया है, लेकिन वे मलबे से बच निकलने में सफल रहे.
सीट 11A
सीट 11A विमान के बाईं ओर आपातकालीन निकास के पास होती है. इस सीट पर बैठे दो यात्रियों के जीवित बचने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो गई है. रमेश के मामले में, विमान के बाईं ओर होने के कारण विमान मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से सीधे टकराने से बच गया, जिसमें विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. निकास द्वार के पास होने के कारण वह विमान से बच निकलने में सक्षम हुए. रुआंगसाक के मामले में भी, निकास द्वार के पास होने के कारण ही वह बच पाए.
विमानन विशेषज्ञों के अनुसार, सीट 11A आपातकालीन निकास के पास होने से बचने की संभावना बढ़ सकती है, विशेषकर आंशिक प्रभाव वाली स्थितियों में.