भागलपुर :- मैथिलीशरण गुप्त ने गुप्त ने लिखा था, ‘अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी, आंचल में है दूध और आंखों में पानी’. मैथिलीशरण ने महिलाओं की पीड़ा को अपने शब्दों में बयां किया था. अगर बात बिहार की हो तो कहा जा सकता है, ‘बाढ़ की कहानी, इसी में जिंदगानी.’
साल बदलते गए, पर नहीं बदली तो बदहाल बिहार की तस्वीर. एक बार फिर से वही कहानी दोहरायी गई. जान हथेली पर रखकर शादी करने जाना और दुल्हन को घर लाना. बिहार के भागलपुर में एक दूल्हा लग्जरी कार की जगह नाव पर अपनी बारात लेकर निकला.
नाव से शादी करने पहुंचे : यह पूरा दृश्य भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के बाकरपुर गांव में देखने को मिला. यहां 2 सप्ताह पहले गंगा नदी में आई बाढ़ के पानी से बाकरपुर पंचायत पूर्ण रूप से प्रभावित हो चुका है. ऐसे में, सोमवार को इस गांव का देवमुनी कुमार सज धजकर दूल्हा बना तो 35 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए नाव की सवारी करनी पड़ी.
एक महीने पहले तय हुई थी शादी : लड़के के पिता रामदेव मंडल ने बताया कि, ”शादी की तिथि एक महीने पहले निर्धारित कर ली गई थी. कटिहार जिले के मनिहारी प्रखंड के कटाकोष गांव निवासी रामचंद्र चौधरी के यहां बारात जाना था. इसी बीच गंगा नदी में भीषण बाढ़ आ गई. बाखरपुर गांव भी बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर गया. गांव से निकलने का रास्ता नहीं बचा. ऐसे में हमलोग 25-30 लोग नाव से ही चले गये.
दूल्हा देवमुनी कुमार ने बताया कि, ”घर से सज धज कर बारात लेकर कुछ दूर तो स्कॉर्पियो से गए. वहां से पैदल गंगा किनारे गए. फिर वहां से नाव में अपने बाराती को साथ लेकर लड़की के घर कटिहार पहुंचे. घर से जब निकले तो आसमान साफ था लेकिन जब नाव पर सवार हुए तो बारिश होने लगी. झमाझम बारिश के साथ भींगते हुए लड़की के घर बारात लेकर पहुंचे.
कैसे-कैसे पहुंचा दूल्हा ? : देवमुनी कुमार ने बताया कि मेरे गांव से करीब 8 किलोमीटर दूर गंगा नदी है, वहां कोई घाट नहीं है, लेकिन खेत किनारे ही अपना नाव बुक कर वहां खड़ा करवाया था. वहां तक हम लोग पैदल बारात के साथ गए. फिर नाव पर सवार होकर उसपार हुए. वहां पर भी लगभग 1 किलोमीटर पैदल चलने के बाद ई रिक्शा पर सवार होकर सीधे लड़की के घर पहुंचे.
बात करते-करते दूल्हा का दर्द भी छलका. कहा, इस दौरान ना कोई बैंड था ना कोई बाजा, कोई ताम-झाम नहीं हुआ. मेरा शौक धरा का धरा रह गया. दिल में कसक रह गई. शादी धूमधाम से करनी था लेकिन बाढ़ के कारण सारा चौपट हो गया. नाव से ही ससुराल में मिला सारा सामान पलंग, तकिया, गद्दा, कुर्सी-टेबल, गोदरेज लेकर अपने घर पहुंचे.