नई दिल्ली :- साल 2025 का दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर की रात से 8 सितंबर की सुबह तक लगेगा। इस दौरान आसमान में चाँद लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे आमतौर पर Blood Moon कहा जाता है। खगोलशास्त्रियों और ज्योतिषाचार्यों दोनों की नजरें इस खगोलीय घटना पर टिकी हुई हैं।
कब और कहाँ दिखेगा
यह ग्रहण भारत सहित एशिया, अफ्रीका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में पूरी तरह दिखाई देगा।
भारत में यह ग्रहण 7 सितंबर की रात लगभग 9:58 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर की सुबह 2:25 बजे तक चलेगा।
इसमें सबसे खास पल 11:00 बजे से 12:22 बजे तक रहेगा, जब चाँद पूरी तरह पृथ्वी की छाया में होगा और लाल-नारंगी चमक बिखेरेगा।
धार्मिक महत्व और सूतक काल
हिंदू पंचांग के अनुसार, यह ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा और पितृ पक्ष की शुरुआत के दिन पड़ रहा है।
ग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर लगभग 12:57 बजे से ही सूतक काल लागू हो जाएगा।
सूतक काल में मंदिरों के द्वार बंद हो जाते हैं और लोग भोजन, पूजा-पाठ जैसी गतिविधियों से बचते हैं।
ज्योतिषीय प्रभाव
यह चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और शतभिषा नक्षत्र में लगने वाला है।
ज्योतिष के अनुसार, इस ग्रहण का सबसे ज्यादा असर कुंभ, सिंह, वृषभ और वृश्चिक राशि के जातकों पर देखने को मिल सकता है।
कुछ लोगों को अचानक धन लाभ और नए अवसर मिल सकते हैं, जबकि कुछ को मानसिक तनाव और रिश्तों में चुनौतियाँ झेलनी पड़ सकती हैं।
क्या करें और क्या न करें
ग्रहण के समय मंत्र जाप, ध्यान और दान-पुण्य करना शुभ माना गया है।
तुलसी या कुश को खाने-पीने की चीजों में डालकर रखने से उनका असर सुरक्षित रहता है।
गर्भवती महिलाओं को धारदार वस्तुओं का प्रयोग करने और बाहर निकलने से बचने की सलाह दी जाती है।
ग्रहण के दौरान खाना-पीना और सोना वर्जित माना जाता है।