रायपुर : राजस्व विभाग में हुए स्थानांतरण को लेकर विवाद शुरू हो गया है। विभाग के ही सिमगा में पदस्थ तहसीलदार नीलमणि दुबे ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले में पैसे लेकर ट्रांसफर किए जा रहे है। ट्रांसफर में किसी भी प्रकार से नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।
दुबे ने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले भी 150 तहसीलदारों की ट्रांसफर सूची निकली थी। इनमें से 120 तहसीलदारों ने हाइकोर्ट जाकर स्टे ले लिया था। अब एक बार फिर से 105 तहसीलदारों की ट्रांसफर सूची जारी की गई है। कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर चुटकी ली है और कहा है कि भाजपा सरकार बनते ही नौ माह में दो बार तहसीलदारों का ट्रांसफर किया गया है। कांग्रेस ने तहसीलदार के आरोपी की जांच तथा ट्रांसफर लिस्ट को निरस्त करने की मांग की है।
169 अफसरों का हुआ तबादला
गुरुवार को राजस्व विभाग ने 169 अफसरों का तबादला किया है, इनमें तहसीलदार भी शामिल है। नीलमणि दुबे कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी है। दुबे का कहना है कि ट्रांसफर सूची में नियमों की अनदेखी की गई है, नियमानुसार एक जिले में तीन वर्ष रहने के बाद ही ट्रांसफर किया जा सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। दरबार में जो नतमस्तक हुए है,उन्हें मनमुताबिक ट्रांसफर मिला है।
मामले में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि इंटरनेट मीडिया के जरिए जानकारी मिली है कि किसी तहसीलदार ने इस तरह से आरोप लगाए हैं। तबादला में लेनदेन के आरोप बेबुनियाद हैं। अधिकारी को अगर कोई दिक्कत है तो उन्हें सही उचित माध्यम से बात करना चाहिए। जो भी तबादला किया गया है वह नियमों के अनुकूल है।