नई दिल्ली : कहते हैं ईश्वर जब किसी भी जीव को इस धरती पर पैदा करता है. साथ में ढेर सारी सौगात देकर इस दुनिया में भेजता है. इन सौगातो का इस्तेमाल प्राणी कैसे करता है ये उसके स्वयं के विवेक पर निर्भर करता है. इस धरती में इंसान ही एक ऐसा जीव है, जिसे ईश्वर ने सोंचने समझने और बोलने की ताकत दी है. आज का एपिसोड एक ऐसे कुख्यात , जालसाज और तस्कर और न जाने क्या – क्या,ये कहानी उसी के ऊपर आधारित है जिसे अपराध की दुनिया ने नाम दिया बिकनी किलर
जी हाँ हम बात कर रहें हैं 1970 के दशक में दक्षिण पूर्व एशिया के लगभग सभी देशी – विदेशी पर्यटकों को अपना शिकार बनाने वाले कुख्यात अपराधी चार्ल्स सोभराज की। वियतनामी माँ और भारतीय पिता के संतान सोभराज का वास्तविक नाम हतचंद भावनानी गुरमुख चार्ल्स सोभराज था हो सकता है कुछ लोंगो को उसके विषय में जानकारी ना हो लेकिन चार्ल्स की जिंदगी का एक – एक दिन अपराध और केवल अपराध में गुजरा है।
1976 से 1997 यानी करीब 21 वर्ष सोभराज भारतीय जेल की सलाखों में कैद रह चूका है ये अजीब बात है कि उसने कुछ समय के लिए अपने आप को अपराधों से मुक्त कर लिया और पेरिस टूर पर गया तो उसका स्वागत एक हत्यार की तरह हुआ। बाद में नेपाल सरकार ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई जिसे कोर्ट ने 2010 तक कायम रखा।
अक्सर माँ बाप संतान को जन्म देने के बाद यह भूल जाते हैं कि बच्चे की पहली पाठशाला उसका अपना घर होता है और पालक उसके शिक्षक चार्ल्स भी इसी कड़वी सच्चाई का शिकार हुआ , बचपन में ही पिता द्वारा परिवार को छोड़ कर चले जाना और माँ का किसी अन्य पुरुष से विवाह रचा लेने की घटना ने चार्ल्स के बाल मन में गहरा असर छोड़ा जिससे उसका बचपन उपेक्षा और अभाव में बीता इसी घटना ने उसके मनो मतिष्क में अपराध के बीज का रोपण किया। माता पिता की उपेक्षा के कारण किशोरवय में ही चार्ल्स अपराधी बन चूका था।
1962 में उसने पेरिस के अंदर पहला अपराध किया वो था गाड़ी चुराने का और इसके बाद अपराध उसके जीवन में ठीक उसी तरह चिपक गया जैसे इंसान के शरीर में जोंक ऐसा नहीं की उसने शादी नहीं किया हो , उसने वैवाहिक जीवन में भी प्रवेश किया पत्नी ने एक बेटी को जन्म में भी दिया और बाद में उसकी पत्नी ने उसके अपराध में बराबर की सहभागिता भी निभाई , नकली पासपोर्ट बनाना , महिलाओ से दोस्ती कर बाद में उसे लूटकर मार देना , नशीली दवाओं की तस्करी , चोरी , हत्या जैसे कई संगीन जुर्म है जो उसके खाते में दर्ज होते गए , माना जाता है कि महिलाओं से दोस्ती फिर उससे लूटपाट और उसकी हत्या करने के दौरान चार्ल्स ने करीब 24 महिलाओं को अपना शिकार बनाया और इसी अपराध ने उसको नाम दिया बिकनी किलर।
1976 में उसने कई विदेशी पर्यटकों को मारने का प्रयाश किया लेकिन सफल नहीं हुआ 1986 में चार्ल्स अपने साथियों के साथ तिहाड़ जेल से भागने में कामियाब रहा लेकिन वो कानून के शिकंजे से बच नहीं पाया 1997 में सजा पूरी होने के बाद वो फ्रांस चला गया जहाँ से वो 2003 में नेपाल आया जहाँ उसे 1975 में दो हिप्पियों की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा मिली , फिर 2008 में उसने एक नेपाली युवती से शादी की।
चार्ल्स सोभराज के ऊपर कोई फिल्म तो नहीं बानी लेकिन उसके जीवन के ऊपर 4 किताबें लिखी जा चुकी है एक कुख्यात अपराधी का जीवन जीने वाले चार्ल्स ने अपराध के लिए जिस तरीके , टेकनिक और दिमाग का इस्तेमाल किया वह हैरान कर देने वाला था।19 साल बाद नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने कुख्यात सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को रिहा करने का आदेश दिया है। 15 दिनों के भीतर उसे उसके देश डिपोर्ट कर दिया जाएगा। कोर्ट ने उसकी उम्र को देखते हुए ये फैसला सुनाया है।