मुंबई:- डीआरआई ने मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह पर छापेमारी के दौरान 13.18 करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी सिगरेटों का एक स्टॉक जब्त किया. डीआरआई ने इस मामले में एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है.
डीआरआई द्वारा जब्त की गई सिगरेट भारत में प्रतिबंधित हैं. हालांकि, इन प्रतिबंधित सिगरेटों की गुप्त तरीके से सीमा शुल्क की चोरी करके समुद्र के रास्ते तस्करी की जा रही थी.इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया है. डीआरआई के आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, अदालत ने आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस मामले में आगे की जांच जारी है.
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), मुंबई संभागीय इकाई को मिली सूचना के आधार पर यह बड़ी कार्रवाई की गई. डीआरआई को सूचना मिली थी कि भारत में सीमा शुल्क की चोरी करके समुद्र के रास्ते तस्करी की जा रही है.विदेशी सिगरेटों की भारत में तस्करी होने की सूचना मिलने पर, डीआरआई ने महंगी विदेशी सिगरेटों की तस्करी के एक बड़े प्रयास को विफल कर दिया.
प्राप्त सूचना के आधार पर, डीआरआई मुंबई के अधिकारियों ने न्हावा शेवा बंदरगाह पर एक कंटेनर में गुप्त रूप से पहुंचे सामान को जब्त कर लिया.निरीक्षण के दौरान, डीआरआई ने इस विदेशी ब्रांड की सिगरेट के 1014 कार्टन से भरे एक कंटेनर को जब्त कर लिया. इन सिगरेटों को भारत में बेचने की अनुमति नहीं है. इस कंटेनर में कुल 1,01,40,000 सिगरेट जब्त की गईं. इस कुल उत्पाद का अंतर्राष्ट्रीय बाजार मूल्य 13.18 करोड़ रुपये है.
तस्करों ने इन सिगरेटों को ‘कोटेड कैल्शियम कार्बोनेट’ बताकर भारत में आयात किया था. ताकि यह असली आयातित उत्पाद जैसा लगे. इस तरह, किसी को भी इन उत्पादों पर संदेह नहीं होता और उन्हें विश्वास था कि वे आसानी से सीमा शुल्क अधिकारियों को गुमराह कर सकते हैं.इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया है. उस पर सीमा शुल्क अधिनियम 1962 और सिगरेट एवं तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2008, जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 में संशोधित किया गया था, के तहत आरोप लगाए गए हैं. इसके तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. अदालत ने आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इस मामले में आगे की जाँच जारी है.
इन सिगरेटों पर कोई कानूनी चेतावनी नहीं छपी है. इसलिए, इन सिगरेटों का यहां चोरी-छिपे आयात किया जा रहा है. इससे व्यावसायिक उद्देश्य का उल्लंघन तो नहीं होता, लेकिन अनजाने में कालाबाजारी के जरिए इनका सेवन करने वाले युवाओं को नशे की लत लग जाती है. इस तरह की तस्करी को रोकने के लिए सीमा गश्ती एजेंसियों का और अधिक सतर्क रहना समय की मांग बन गया है.