जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में पाकिस्तान की भूमिका धीरे-धीरे सामने आ रही है। सूत्रों का कहना है कि हमले वाली जगह पर कुल सात आतंकवादी मौजूद थे। ये सभी विदेशी थे। उनमें से चार ने पर्यटकों पर हमला किया। इस हमले में शामिल तीन आतंकवादियों का स्केच जारी कर दिया गया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि उन्हें पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों से संदेश मिल रहे थे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पीड़ितों के साथ बातचीत के आधार पर ये स्केच जारी किए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ की पहचान भी की गई है। इस हमले में आतंकी आदिल गुरी और आसिफ शेख भी शामिल थे। सूत्रों का यह भी कहना है कि पीर पंजाल रूट का इस्तेमाल कर 2 हफ्ते पहले ये सभी आतंकवादी पाकिस्तान से कश्मीर में दाखिल हुए थे।
आपको बता दें कि कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन में मंगलवार अपराह्न में हुए एक आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा में हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा हमला है। एक अधिकारी ने बताया कि 28 मृतकों में दो विदेशी (संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल से) और दो स्थानीय निवासी शामिल हैं।
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत की यात्रा पर हैं और पर्यटन तथा ‘ट्रैकिंग’ का सीजन जोर पकड़ रहा है। हमला अपराह्न करीब तीन बजे हुआ।
आतंकी हमले के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा को बीच में ही समाप्त करके स्वदेश लौटने का फैसला किया। दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने एयरपोर्ट पर एनएसए अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक आपात बैठक की।
पीएम मोदी ने आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा, ”मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायल लोगों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।”
उन्होंने कहा, ”इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा…उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।” प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमले के बाद मदद के लिए चीख-पुकार मच गई, जबकि शव खून से लथपथ पड़े थे। कुछ लोगों का कहना है कि हमलावरों की संख्या पांच थी। हमले के समय घटनास्थल पर मौजूद एक महिला ने पीटीआई को बताया, ”मेरे पति के सिर में गोली लगी, जबकि सात अन्य लोग भी हमले में घायल हुए हैं।”
आतंकवादियों ने 54 वर्षीय संतोष जगदाले को तंबू से बाहर आने और इस्लाम की एक आयत पढ़ने के लिए कहा। जब वह आयत नहीं पढ़ पाए तो आतंकवादियों ने जगदाले को गोलियों से छलनी कर दिया। उन्होंने जगदाले को तीन गोली मारी, एक गोली उनके सिर में, दूसरी कान के पीछे और तीसरी पीठ में