कोरबा। वैसे तो सरकार द्वारा गांवों के विकास, उन्नति एवम खुशहाली के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से लाखों- करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे हैं। लेकिन भ्रष्ट्र मानसिकता रखने वाले सरपंच- सचिव इस राशि से गांव का विकास न करते हुए खुद की उन्नति, ख़ुशहाली एवम विकास कर रहे हैं। ऐसा ही मामला हुंकरा पंचायत का सामने आया है। जहां बिना काम कराए लाखो की राशि हड़प ली गई।
जिले के कटघोरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत हुंकरा, जहां के निर्वाचित सरपंच व सचिव द्वारा मिलकर कागजों में कई सारे निर्माण कर लाखों रुपए की राशि हड़प कर जमकर फर्जीवाड़ा किया है। इस ग्राम पंचायत के सरपंच श्रवण कुमार और सचिव के मिलीभगत से मुड़ाभांठा तालाब साफ- सफाई और पचरी निर्माण के नाम पर 4 लाख 45 हजार 898 रुपए मूलभूत और 15वें वित्त योजना से निकाली गई लेकिन काम एक ढेला का भी नही कराया गया और उक्त राशि डकार ली गई।
ऑनलाइन दर्शित जानकारी के अनुसार मुड़ाभांठा तालाब साफ- सफाई के नाम पर रिचार्ज बाउचर की तिथि 25 जून 2020 को 15.960 और 08 मार्च 2022 को 12.738 रुपए की राशि मूलभूत से निकाली गई है। वही पचरी निर्माण के नाम पर 10 अगस्त 22 की तिथि में 2.00 लाख, 17 अगस्त 2022 को 77.200 रुपए और 14 फरवरी 2023 को 1.40 लाख रुपए 15वें वित्त आयोग मद से आहरित की गई है, जबकि मौके पर कोई भी काम नही कराया गया है। जिसका खुलासा जियोटैग से हुआ है। मौके पर जाकर जब मुड़ाभांठा तालाब को देखा गया तो 10 वर्ष से अधिक पुराना जीर्ण शीर्ण अवस्था मे एक पचरी दिखा वहीं इस गांव के ग्रामीणों से जानकारी चाही गई तब उन्होंने बताया कि वर्तमान सरपंच कार्यकाल में तालाब का साफ- सफाई सहित अन्य कोई भी कार्य नही हुआ है।
इस भ्रष्ट्राचार में गंभीर बात तो यह है कि 50 हजार से अधिक के पंचायती कार्यो पर संबंधीत उप अभियंता द्वारा कार्य के मूल्यांकन की प्रक्रिया अपनाई जाती है, किन्तु बिना काम किस प्रक्रिया के तहत लाखो की राशि आहरण की गई, यह बात समझ से परे है। सरपंच- सचिव के मिलीभगत से कागजो पर पेयजल व मरम्मत के कार्य भी कराए गए है। जिसे अगले खबर में प्रसारित किया जाएगा।
अधिकारी ने यह कहा
इस मामले को लेकर जब कटघोरा जनपद पंचायत सीईओ यशपाल सिंह से बात की गई तब उन्होंने यह कहा कि मुझे आपके माध्यम से यह जानकारी मिली है। जिसके संबंध पर जांच कराई जाएगी और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।