रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष संतराम नेताम बने हैं। भाजपा ने भी संतराम नेताम को अपना समर्थन दिया, जिसके बाद वो निर्विरोध विधानसभा उपाध्यक्ष चुने गये। मनोज सिंह मंडावी के निधन के बाद विधानसभा उपाध्यक्ष की कुर्सी खाली हुई थी। कल विधायक दल की बैठक में कांग्रेस ने संतराम नेताम के नाम पर मुहर लगायी थी। आज उन्होंने नामांकन भरा और फिर निर्विरोध उन्हें चुन लिया गया।
2013 में पहली बार विधायक चुने गए. इसके बाद 2018 में दूसरी बार विधायक बने. वे 2014-15 में विधानसभा में शासकीय आश्वासनों संबंधी समिति के सदस्य रहे. 2016-17 में प्राक्कलन समिति, आचरण समिति, याचिका समिति और 2017-18 में पुस्तकालय समिति के सदस्य रहे. 2018-20 में प्राक्कलन समिति और 2018-19 में याचिका समिति के सदस्य रहे. 2019-20 में सभापति प्रश्न एवं संदर्भ समिति रहे. 2019-21 में सदस्य सामान्य प्रयोजन समिति रहे. 2020 में उपाध्यक्ष बस्तर विकास प्राधिकरण बने.
पुलिस से विधायक तक
संतराम नेताम ने साल 2013 में केशकाल विधानसभा से पहली बार चुनाव जीता था। इसके बाद 2018 में फिर जीत दर्ज की। इससे पहले वह बड़ेराजपुर जनपद पंचायत के सदस्य भी रह चुके थे। 2 मई 1972 को कोंडागांव में विश्रामपुर के पलना जन्में नेताम ने एमए एलएलबी करने के बाद पुलिस की नौकरी में कदम रखा। इसके बाद करीब 17 साल तक छत्तीसगढ़ पुलिस में अपनी सेवाएं दीं। फिर कांग्रेस की सदस्यता ले ली।
छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर से कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंडावी का 16 अक्तूबर को निधन हो गया था। वे धमतरी के सर्किट हाउस में रुके हुए थे। वहीं अगले दिन सुबह उनके सीने में दर्द हुआ। जिसके बाद उन्हें धमतरी के अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल ले जाते वक्त डॉक्टरों ने मनोज मंडावी को मृत घोषित कर दिया था। उनके निधन के बाद हुए उप चुनाव में उनकी पत्नी सावित्री मंडावी विधायक चुनी गईं हैं।