अंबिकापुर : छत्त्तीसगढ़ के अंबिकापुर में सीनियर एडवोकेट मृगेंद्र सिंहदेव परिवार के शादी समारोह में शामिल होने पहुंचीं 64वीं राष्ट्रीय राइफल शूटिंग चैंपियनशिप की गोल्ड विजेता बांधवी सिंह ने राइफल शूटिंग चैंपियनशिप बनाएं गए रिकार्ड और अपने अनुभव मीडिया से शेयर किए। बता दें कि बांधवी सिंह सोहागपुर राजपरिवार के कुंवर यश वर्धन सिंह की पुत्री हैं। कुंवर यश वर्धन सिंह की बहन मधुलिका रावत का विवाह भारत के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत के साथ हुआ था, जो बांधवी सिंह के फूफा थे।
राजपरिवार व सैन्य परिवार से जुड़ी बांधवी की शुरु से ही शूटिंग में रूचि रही। बांधवी के पिता कुंवर यश वर्धन सिंह ने डेली कॉलेज इंदौर में अपनी पढ़ाई पूरी है, पढ़ाई के दौरान वो कॉलेज में शूटिंग कैप्टन थे। बंधवी ने भी इसी कॉलेज से अपनी पढ़ाई शुरु की और पिता के शूटिंग में दिलचस्पी को आगे बढ़ाया। बंधवी बताती हैं कि उनका पारिवारिक बैकग्राउंड ही उन्हें राइफल शूटिंग में लाया।
ओलंपियन अंजुम मोदगिल को 2 बार हराकर जीता गोल्ड
नेशनल शूटर बांधवी सिंह के नाम कम उम्र कई रिकार्ड शामिल हैं। उन्होंने 63वीं 50 मीटर वर्ग में राष्ट्रीय राइफल शूटिंग चैंपियनशिप में भारतीय ओलंपिक टीम का हिस्सा रही अंजुम मोदगिल को फाइनल मुकाबले में हरा कर गोल्ड अपने नाम किया। 2019 में 64वीं राष्ट्रीय राइफल शूटिंग चैंपियनशिप में अंजुम मोदगिल की चुनौती का स्वीकार करते हुए एकबार फिर अंजुम मोदगिल को हरा कर रिकार्ड बनाया।

मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी में प्रशिक्षण ले रही हैं बांधवी
राष्ट्रीय राइफल शूटिंग चैंपियनशिप की गोल्ड विजेता बांधवी वर्तमान में मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी में प्रशिक्षण ले रही हैं। बांधवी बताती हैं कि उनका सपना अपने 2024 के पेरिस ओलंपिक में अपने देश भारत के लिए गोल्ड मैडल जीतने का हैं। बंधवी बताती हैं कि ओलंपिक गेम्स में इंडिया के लिए गोल्ड मैडल जीतने के लिए वो डेली 6 से 8 घंटे शूटिंग के कड़े अभ्यास करती हैं। इन 8 घंटों में वो करीब 200 से ज्यादा कासतूस फायर कर पूरा करती हैं।
जनरल बिपिन रावत को समर्पित हैं स्वर्ण पदक
बांधवी बताती हैं कि उनके पिता कुंवर यश वर्धन सिंह कॉलेज में बेहतरीन शूटर रहे हैं। बांधवी बताती हैं कि वो अपने फूफा जी पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत और अपनी बूआ मधुलिका रावत की काफी करीबी रही हैं। नेशनल निशानेबाज बांधवी सिंह ने 64वीं राष्ट्रीय चैंपियनशिप में जीते सभी 4 स्वर्ण पदक अपने फूफा जनरल बिपिन रावत को स्वर्ण पदक समर्पित करते हुए कहती हैं कि उनके फूफा जनरल बिपिन रावत अक्सर उनसे शूटिंग में बेहतर करने के लिए प्रेरित करते थे,
उनका सपना था कि बंधवी भी ओलंपिक गेम्स में गोल्ड जीत कर देश का नाम रौशन करें। नम आंखों उन्हें याद करते हुए बंधवी कहती हैं कि वो उनका सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगी। ओलंपिक गेम्स में गोल्ड जीत कर देश का नाम रौशन करना देश के हर शूटर का सपना होता है वो इस सपने का जरूर पूरा करेंगी, चाहे कितनी भी अभ्यास क्यों ना करना पड़े। बांधवी कहती हैं कि खुद पर विश्वास और पूरी लगन से अभ्यास करने से सफलता जरूर मिलेगी।

कई और रिकार्ड दर्ज हैं उनके नाम
बांधवी बताती हैं कि 2023 में गुजरात अहमदाबाद में आयोजित नेशनल गेम्स में हिस्सा लिया। नेशनल गेम्स में उनके प्रदर्शन को राष्ट्रीयस्तर पर सराहा गया। उन्होंने खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 गोल्ड मैडल अपने नाम कर अपना प्रदर्शन बरकरार रखा है। उन्होंने पेरू के नीमा में आयोजित इंटरनेशनल जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप अपन सफल मुकाम बनाया। 2023 में दिल्ली में आयोजित हुए आल इंडिया यूनिवर्सिटी के 50 मीटर वर्ग में गोल्ड मैडल व और इंटर कालेज टूर्नामेंट में 20 मीटर वर्ग प्रतियोगिता में गोल्ड जीता।
अपनी जीत का रिकार्ड ब्रेक करने का रिकार्ड भी उन्हीं के नाम
बांधवी बताती हैं किअपनी जीत का रिकार्ड ब्रेक करने का रिकार्ड भी उन्हीं के नाम पर है। वो बताती हैं कि 2016 आईपीएससी गेम्स में उन्होंने 10 मीटर ओपन साइट में गोल्ड अपने नाम किया, जो एक रिकार्ड है। बांधवी बताती हैं कि आईपीएससी गेम्स में 2017 में उन्होंने अपने पुराने रिकार्ड को ब्रेक और 2018 में एक बार फिर अपने प्रदर्शन को दोहराया।
बांधवी मुस्कुराते हुए बतातीं हैं कि अपने बनाएं रिकार्ड को दो बार ब्रेक करने का रिकार्ड भी उन्हीं के नाम दर्ज है। जिसे आज तक कोई तोड़ नहीं पाया है। बांधवी बताती हैं कि 2021 राइफल शूटिंग में आर्मी, नेवी, एयरफोर्स के अलावा नेशनल और ओंलपियन के खिलाड़ियों के साथ आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में हुए सभी 11 इवेंट में हुए मुकाबले में 11 के 11 गोल्ड अपने नाम कर 3 नए नेशनल रिकार्ड अपने नाम दर्ज कराया,जो आज तक कायम है। नेशनल इवेंट में उनके प्रदर्शन राष्ट्रीयस्तर पर काफी सराहना मिली।

