कोलकाता:- पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों खासकर राजधानी कोलकाता और उसके आसपास रात 8.30 बजे तक मिली जानकारी के अनुसार रात भर हुई बारिश के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. इनमें से आठ मौतें अकेले कोलकाता में हुई.
कोलकाता में हुई सभी मौतें बिजली के करंट से हुई जहाँ पीड़ित शहर के विभिन्न जलमग्न इलाकों में पानी के नीचे नंगे बिजली के तारों के संपर्क में आ गए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन दुर्घटनाओं के लिए संजीव गोयनका के स्वामित्व वाली निजी बिजली उत्पादन-सह-वितरण कंपनी, सीईएससी लिमिटेड को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि अगर कंपनी प्रबंधन ने अपने बुनियादी ढाँचे के विकास कार्यों की उपेक्षा नहीं की होती, तो इन मौतों को टाला जा सकता था.
सीईएससी के कार्यकारी निदेशक (वितरण सेवाएँ), अविजीत घोष ने कहा कि प्रबंधन ने बिजली के करंट से हुई आठ मौतों की गहन जाँच की है. घोष ने आगे कहा, ‘जांच के बाद यह पता चला है कि आठ मौतें अपने-अपने घरों के अंदर तारों की समस्या के कारण हुई. दो मामले स्ट्रीट लाइट के खंभों को छूने के कारण हुए, जिनका आमतौर पर सीईएससी द्वारा रखरखाव नहीं किया जाता है. एक घटना सिग्नल कियोस्क पर हुई. हम और अधिक सतर्क रहेंगे ताकि अगली बार ऐसी घटनाएं न हों.’
हालात के लिए बीजेपी ने ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया
इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और भाजपा के सूचना एवं पश्चिम बंगाल के पार्टी केंद्रीय कार्यालय के अध्यक्ष अमित मालवीय ने इन मौतों के लिए ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने एक महीने पहले कोलकाता में मौसम विभाग द्वारा इस अवधि के दौरान भारी बारिश की पूर्व चेतावनी और पूर्वानुमान को नजरअंदाज नहीं किया होता, तो कोलकाता की सड़कों पर जलभराव और बाढ़ के पानी में डूबे नंगे बिजली के तारों के कारण कई लोगों की बिजली का करंट लगने से हुई मौतों को टाला जा सकता था.
रेल सेवाएं और मेट्रो सेवाएं बाधित रहीं, जबकि कोलकाता में यातायात पूरी तरह से ठप हो गया क्योंकि लगभग हर सड़क जलमग्न हो गई थी. लगातार बारिश के कारण कोलकाता और उसके उपनगरों के बड़े हिस्से में बिजली और इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गई हैं.