कोरबा : प्रदेश में चल रही युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का पूरे प्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। अनेको शिक्षक संगठन इस मुद्दे को लेकर एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में कोरबा जिले के सभी संघ एकजुट होकर छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन के निवास पहुँचकर इस प्रक्रिया पर रोक लगाने ज्ञापन सौंपा एवं इस प्रक्रिया की ढेरों खामियां और होने वाले नुकसान से मंत्री को अवगत कराया। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष डॉ. गिरीश केशकर ने बताया कि प्रदेश में युक्तियुक्तकरण स्कूलों को मर्ज करने के नाम पर हजारों की संख्या में विद्यालय बंद करने की तैयारी चल रही है।
पूर्व में भी वर्ष 2008 में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अपना कर लगभग 4 हजार सरकारी स्कूल प्रदेश में बंद किये गए थे इस बार भी 3 हजार से ऊपर स्कूल बंद करने की तैयारी है जो प्रदेश के शिक्षकों एवं बच्चों के हित में बिल्कुल भी नहीं है। केशकर ने बताया कि प्रदेश में बच्चों के जन्मदर में कोई अप्रत्याशित गिरावट नहीं आयी है जिससे स्कूल बंद करना पड़े। अगर स्कूल बंद किये जाते हैं तो एक तरफ बच्चों को प्राइवेट स्कूल में एडमिशन लेने विवश होना पड़ेगा वहीं 20 साल से पदोन्नति की राह देख रहे शिक्षकों के पदोन्नति के पद समाप्त होंगे जिससे शिक्षकों के मन में निराशा पनपेगी और शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित होगी।
अगर युक्तियुक्तकरण किया ही जाना है तो उसके पहले सरकार राज्य में प्राचार्य से प्रारंभ कर सहायक शिक्षक का क्रमशः प्रमोशन करे, स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रारंभ करे। उसके बाद यदि आवश्यकता पड़ती है तो प्राथमिक और माध्यमिक शाला में प्रधान पाठक के पद को बिना प्रभावित किये पर्याप्त संख्या में कक्षावार एवं विषयवार शिक्षक की व्यवस्था करे। युक्तियुक्तकरण की यह प्रक्रिया शिक्षा, शिक्षक एवं विद्यार्थी किसी के हित में नहीं है। शासन स्कूल बंद करने का रिकार्ड न बनाए। शिक्षक संगठनों का कहना है कि यदि सरकार इस प्रक्रिया पर तत्काल रोक नहीं लगाती है तो आने वाले समय मे प्रदेश के शिक्षक राज्यव्यापी आंदोलन की रणनीति पर विचार करेंगे।