मुंबई:- मुंबई की एमआईडीसी पुलिस ने कुर्ला और पुणे के अलग-अलग इलाकों से सात बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. इन गिरफ्तारियों में छह महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि ये सभी बिना किसी वैध दस्तावेज़ के अवैध रूप से भारत में रह रहे थे.
नौकरी का झांसा देकर भारत लाया गया था गिरोह
पुलिस के अनुसार, बायजीद अयूब शेख (47) जो असम के गुवाहाटी से भारत में घुसा था और पालघर में रह रहा था. उसने बांग्लादेशी महिलाओं को नौकरी का लालच देकर मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों में भेजा था. उनका उद्देश्य इन महिलाओं को अवैध रूप से भारत में लाकर देह व्यापार के दलदल में फंसाना था. इस गिरोह के कृत्य का भंडाफोड़ होने से पहले पुलिस ने समय रहते इन सभी को गिरफ्तार कर लिया.
कुर्ला में रह रहे थे बिना दस्तावेजों के
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे बांग्लादेश के नागरिक हैं और पिछले कुछ महीनों से मुंबई के कुर्ला इलाके में बिना किसी वैध दस्तावेज के रह रहे थे. इस दौरान महिलाएं ब्यूटी पार्लर में काम कर रही थीं, जबकि कुछ नौकरानी के तौर पर भी कार्यरत थीं.
गुप्त सूचना पर पुलिस की छापेमारी, बड़ा मानव तस्करी रैकेट हो सकता है सक्रिय
एमआईडीसी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कुर्ला और पुणे में छापेमारी की. पुलिस अधिकारीयों का कहना है कि यदि समय रहते इस गिरोह को पकड़ नहीं लिया जाता, तो ये महिलाएं एक बड़े अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी रैकेट में फंस सकती थीं. फिलहाल, पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है कि कहीं इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह तो सक्रिय नहीं है. वहीं, गिरफ्तार किए गए सात बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान इस प्रकार है
बायजीद अयूब शेख, उम्र 47 साल
नसरीन बेगम, उम्र 38 साल
रोजीना अख्तर, उम्र 39 साल
काकोली अख्तर, उम्र 25 साल
रोमा बेगम, उम्र 31 साल
पाखी बेगम, उम्र 24 साल
कोहिनूर अख्तर, उम्र 26 साल
सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ 373 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इनमें से 589 लोग गिरफ्तार किए गए, 532 को निर्वासित किया गया और 237 को कोर्ट ने दोषी पाया है. यह आंकड़े भारत में बढ़ते अवैध आव्रजन और मानव तस्करी की गंभीर समस्या को दर्शाते हैं.

