दुर्ग
छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के तत्वाधान में एवं जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग श्रीमती नीता यादव के मार्गदर्शन में आज दिनांक 26 नवंबर 2023 को ’’विधि दिवस’’ के अवसर पर जिला न्यायालय स्थापना दुर्ग के माननीय न्यायाधीशगण क्रमशः श्री संजीव कुमार टॉमक, प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग द्वारा स्थान-प्रयास बॉयज हॉस्टल, रोजगार कार्यालय के पास मालवीय नगर,
दुर्ग में श्री राकेश कुमार वर्मा, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग, श्री विवेक कुमार वर्मा, चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग, श्री आदित्य जोशी, षष्ठम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग द्वारा शासकीय अनु.ज.जा. पो.मैट्रिक बॉयज हॉस्टल आर.टी.ओ.ऑफिस के सामने, जल विहार के पास दुर्ग में श्रीमती संगीता नवीन तिवारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, चतुर्थ एफ.टी.सी. दुर्ग द्वारा शासकीय गर्ल्स हॉस्टल/शासकीय अनु.ज.जा.पो.मैट्रिक गर्ल्स हास्टल जेल रोड दुर्ग में श्री जनार्दन खरे, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के प्रथम अति.न्यायाधीश दुर्ग द्वारा चंद्रशेखर आजाद बॉयज हॉस्टल, जल परिसर, जी.ई.रोड दुर्ग में श्रीमती सरोजनी जनार्दन खरे, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 के द्वितीय अति.न्यायाधीश दुर्ग, श्रीमती शीलू केसरी, पंचम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, दुर्ग द्वारा शासकीय पोस्ट मैट्रिक एस.सी. बॉयज हॉस्टल, मालवीय नगर दुर्ग में तथा कु. अंकिता मदनलाल गुप्ता, अष्टम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, दुर्ग कु. अंकिता तिग्गा, पंचदश व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 दुर्ग द्वारा शासकीय मैट्रिक एस.सी. बॉयज हॉस्टल, मालवीय नगर दुर्ग में एवं श्रीमती केवरा राजपूत, प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 दुर्ग, श्री नीलेश बघेल, सप्तम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 दुर्ग, कु. सुरभि धनगढ़ प्रथम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2, दुर्ग के द्वितीय अति. न्यायाधीश दुर्ग द्वारा स्थान प्रयास गर्ल्स हॉस्टल, जल परिसर, आर.टी.ओ. ऑफिस के सामने दुर्ग में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त आयोजित शिविर में उपस्थितजनों/विद्यार्थियों को माननीय न्यायधीशगणों द्वारा ’’भारत के संविधान की उद्देशिका’’ के वाचन से कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए बताया गया कि भारतीय लोकतंत्र में आज का दिन (26 नवंबर) काफी महत्वपूर्ण है। लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की आत्मा हमारा ’’संविधान’’ जिसे हमने आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया था और जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यह एक ऐतिहासिक पल है। इसी दिन एक राष्ट्र के तौर पर हमने तय किया था कि अब आगे हमारी दिशा किन ’’निर्देशों’’ पर होगी किन ’’नियमों’’ पर होगी ’’सविधान’’ उक्त निर्देश/नियम के एक-एक शब्द पवित्र व पूजनीय हैं।