कटघोरा : सरकार ने एक ओर नेशनल हाईवे जैसे मार्गो का निर्माण कर आवागमन तो आसान कर दिया है लेकिन वही इसके भयावह दुष्परिणाम भी किसी से छुपे नही है, आएदिन सड़क हादसों की खबर अखबार व न्यूज चैनलों में देखने को मिलती है। कई बार तो हादसे इतने भयानक होते हैं कि मौके पर ही लोगो की दर्दनाक मौत हो जाती है,वही अगर कोई गम्भीर रूप से घायल हो जाये तो वह इलाज के अभाव में दम तोड़ देता है,
दरअसल कटघोरा में गम्भीर मामलों को लेकर मेडिकल सुविधा शून्य बतौर है बेहद गम्भीर मामलों में घायल को बिलासपुर या रायपुर रिफर करना पड़ता है यहां तक कि कटघोरा से लगे कोरबा में भी मेडिकल की कोई खास व्यवस्था नजर नही आती है। बीते दिन कटघोरा से बिलासपुर नेशनल हाईवे में एक सड़क हादसे के दौरान चार नाबालिक युवाओं की दर्दनाक मौत हो गई थी,इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था।चारो युवा ग्राम चैतमा के एक ही मोहल्ले के थे, जिन्होंने अपने जीवन की अभी ठीक से शुरुआत भी नही की थी।
इसमें कोई दो रॉय नही कि कटघोरा शुरू से ही मेडिकल सुविधा के अभाव से जूझ रहा है। यू तो कटघोरा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध है लेकिन उसमें भी क्रिटिकल मामलों के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नही है लिहाजा यहां पहुचने वाले गम्भीर मामलों में मरीज को सीधे रिफर कर दिया जाता है वही अधिकांश मामलों में देखा गया है कि कटघोरा स्वास्थ्य केंद्र में कोई खास सुविधा नही होने के कारण मरीज के परिजनों को निजी वाहन या एम्बुलेंस के सहारे दूरस्थ ईलाज हेतु जाना पड़ता है इस दौरान गम्भीर हालत में मरीज को सैकड़ो किलोमीटर तक ले जाना परिजनों के लिए किसी चुनोती से कम नही होता है।
कई बार तो सफर के दौरान ही मरीज दम तोड़ देता है।कटघोरा का स्वास्थ्य केन्द्र इकलौता सरकारी अस्पताल है जिस पर कटघोरा सहित आसपास के इलाकों से लोग सरकार की योजनाओं के अंतर्गत स्वास्थ्य लाभ लेने पहुँचते है।वही सड़क हादसों में घायल हुए मरीज को भी प्राथमिकी चिकित्सा हेतु लाया जाता है जिसे गम्भीर अवस्था मे होने पर रिफर किया जाता है। हालांकि सरकार ने कटघोरा स्वास्थ्य केंद्र में आर्थो सर्जन ड़ॉ. हिमांशु खुटिया की पदस्थापना कर एक बड़ी उपलब्धि पेश की है जहां स्वास्थ्य केंद्र में अब लोगो को बेहतर ईलाज मुहैया हो रहा है।
डॉ. हिमांशु खुटिया ने भी माना है कि कटघोरा में लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसके लिए इन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन थियेटर सहित अन्य आवश्यक उपकरणों की सरकार से मांग की थी,जहां सरकार ने इनकी मांगो को जल्द ही पूरा किया है,आज स्वास्थ्य केंद्र में ही लोगो को ओ टी जैसी सुविधाएं मिल रही है। ड़ॉ. हिमांशु के अनुसार कटघोरा में जिस तरह सड़क हादसो में लोग गम्भीर रूप से घायल होकर अस्पताल पहुँचते हैं उन्हें अस्पताल में वो सुविधा नही मिल पाती जिनकी उन्हें जरूरत होती है,
दरअसल गम्भीर मामलों में क्रिटीकल केयर सेंटर की आवश्यकता होती है जो कि कटघोरा अस्पताल में नही है जबकि सड़क हादसे कटघोरा में ही ज्यादा देखने को मिलते हैं।
क्रिटीकल केयर सेंटर की कमी….
जिस तरह सड़क हादसों में इजाफा हुआ है जहां गम्भीर मामलों में लोगो को ईलाज हेतु भटकना पड़ता है ऐसे हालातो के मद्देनजर कटघोरा स्वास्थ्य केंद्र में क्रिटिकल केयर सेंटर की आवश्यकता महसूस होने लगी है।डॉक्टर हिमांशु की माने तो कटघोरा में क्रिटिकल केयर सेंटर की शुरुआत हो जाने से गम्भीर मामलों में लोगो को बेहतर उपचार मिल पाएगा, उन्हें ईलाज हेतु कही और जाने की आवश्यकता नही पड़ेगी।सड़क हादसों में गम्भीर रूप से घायल या क्रिटीकल केशों का ईलाज आसानी से सम्भव हो पायेगा।
आपको बता दे कि क्रिटिकल सेंटर की आवश्यकता उन मामलों के लिए पड़ती है जो बेहद गम्भीर अवस्था मे अस्पताल पहुँचते है जो रिफर करने तक कि स्थिति में नही होते हैं, ऐसे हालातो में क्रिटिकल केयर सेंटर उन मरीजो के लिए अतिउपयोगी साबित होगा और उन्हें बचाने का प्रयास किया जा सकता है। सरकार को इस ओर ध्यानाकर्षण करने की नितांत आवश्यकता है ताकि कटघोरा में जल्द ही गम्भीर मामलों के लिए क्रिटिकल केयर सेंटर व ट्रामा सेंटर जैसी सुविधाएं मिल सके।
नेशनल हाईवे के निर्माण हो जाने से सड़क हादसों में एकाएक तेजी आई है, जहां सरकार सड़क हादसों को लेकर चिंतित हैं और जल्द ही सड़क हादसों की रोकथाम हेतु सार्थक कदम उठाने प्रयासरत है ताकि सड़क हादसों में कमी आ सके।फिलहाल अगर कटघोरा में क्रिटिकल केयर सेंटर की शुरुआत हो जाए तो सड़क हादसों में गम्भीर रूप से घायल लोगो को काफ़ी हद तक बचाया जा सकता है जो कि सरकार की बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी।