झीरम मेमोरियल बना शराबियों का अड्डा, असामाजिक तत्वों का लगा रहता है जमावाड़ा
बस्तर :- 25 मई 2013 को दरभा के झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए लोगों की याद में झीरम मेमोरियल बनाया गया. जिसमें करोड़ों रुपए खर्च किए गए.ताकि इस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जा सके.लेकिन मौजूदा समय में ये मेमोरियल शराबियों का अड्डा बन चुका है.हैरानी की बात ये है कि बस्तर आईजी और संभागायुक्त का सरकारी बंगला इस जगह से महज 50 मीटर की दूरी पर है.फिर भी शराबी और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हैरान करने वाला है.
चोरों ने चुरा लिए सीसीटीवी :
कांग्रेस शासनकाल में झीरम मेमोरियल को साल 2022 में बनाया गया था. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका लोकार्पण किया था. लेकिन समय के साथ अब मेमोरियल की स्थिति जर्जर होती जा रही है. सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी भी लगाए गए.लेकिन जिनसे बचने के लिए कैमरे लगाए गए ,वही चोर इसे चुरा ले गए.यही नहीं शहीदों की प्रतिमा के नीचे जो टाइल्स और लाइट लगी थी,वो भी अब नदारद हैं. रही सही कसर शराबियों ने पूरी कर दी.जिसकी शिकायत पुलिस से कांग्रेसियों ने की.
असामाजिक तत्वों की होगी धरपकड़ :
नगर निगम के महापौर संजय पांडेय का कहना है कि निगम के बजट में झीरम स्मारक के मेंटनेंस और इसे संरक्षित करने के लिए राशि आबंटित की जाएगी. झीरम स्मारक के जीर्णोद्धार के लिए निगम सरकार गंभीर है. वहीं पुलिस ने जल्द ही असामाजिक तत्वों की धरपकड़ की बात कही है.
महिला पुलिस बल होगी तैनात :
पुलिस के मुताबिक झीरम मेमोरियल के आसपास लाइट की कमी की वजह से ये जगह नशेड़ियों का अड्डा बन रहा है. जल्द ही इस इलाके में सुरक्षा बढ़ाते हुए और पेट्रोलिंग पार्टी के माध्यम से इन असामाजिक तत्वों की धर पकड़ कर ली जाएगी. महिला पुलिस की भी तैनाती की जायेगी. क्योंकि इस क्षेत्र में महिलाएं भी अक्सर घूमने निकलती हैं.