बलौदाबाजार : लिलेश्वर निषाद : जिले में निरुद्ध बंदियों के आयु सत्यापन हेतु विशेषज्ञ समिति द्वारा उपजेल बलौदाबाजार का निरीक्षण किया गया। विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा जेल परिसर में निर्धारित बैरक में जाकर जेल में निरूद्ध 18 से 21 वर्ष के बंदियों से उनकी आयु, शिक्षा एवं स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी ली गयी। सभी निरूद्धों के द्वारा उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक होने की जानकारी प्रदान की गयी।
18 वर्ष से कम उम्र के संदेहप्रद 2 बच्चों का नाम मुख्य प्रहरी उपजेल बलौदाबाजार को दी गयी है ताकि उनके द्वारा आयु सत्यापन के संबंध में जानकारी लिया जा सके। आयु सत्यापन उपरांत 18 वर्ष से कम आयु निर्धारण पर बालकों को बाल संप्रेक्षण गृह में स्थानांतरित करने तथा प्रकरण को किशोर न्याय बोर्ड में स्थानांतरित करने की कार्यवाही संपादित की जा सके।
संरक्षण अधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का चिन्हांकन संदेह होने की स्थिति में शीघ्र सूचना जिला बाल संरक्षण इकाई को दिये जाने हेतु कहा गया ताकि प्रकरण में किशोर न्याय बोर्ड में स्थानांतरित तथा बालकों को किशोर न्याय बोर्ड में स्थानांतरित किया जा सकें।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जेल में निरूद्ध बंदियों को समाज के मुख्य धारा से जोडने के लिए स्वस्थ्य शरीर में सायकोंथेरेपी, साईकोएजुकेशन, काउंसलिंग रिलैक्सेशन, योगा मेडिटेशन, लाईफ स्किल एजुकेशन (डिसीजन मेकिंग/प्रॉब्लम सॉल्विंग) एडजस्टमेंट एवं स्लिप पैटर्न आदि की जानकारी प्रदान किया गया।
निरीक्षण के दौरान मुख्य जेल पहरी शंकर प्रसाद मिश्रा, सदस्य विधिक सेवा प्राधिकरण संजय सोनी, रमेश पटेल, बालक कल्याण समिति के सदस्य प्रवीण अग्रवाल, अपर्णा सराफ, क्लीनिकल साईकोलाजिस्ट मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम मोहिन्दर घृतलहरे, बाल संरक्षण अधिकारी दीपक राय, चाईल्ड लाईन केन्द्र समन्वयक रेखा शर्मा उपस्थित थे।