30 की उम्र हर किसी के जीवन का एक अहम पड़ाव होती है. यह करियर और निजी जीवन के लिए काफी व्यस्त समय होता है. व्यस्त जीवनशैली के कारण, कई लोग इस उम्र में स्वास्थ्य के बारे में नहीं सोचते. वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि यही वह समय होता है जब शरीर में कुछ बदलाव शुरू होते हैं. इसलिए, इस उम्र में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना बेहद जरूरी है. डॉ. तरंग कृष्णा के अनुसार, इस उम्र में कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट नियमित रूप से करवाने चाहिए. 30 की उम्र के बाद, हर किसी को कुछ जरूरी टेस्ट करवाने चाहिए. इससे भविष्य में गंभीर बीमारियों से बचाव में मदद मिलती है.
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट: आजकल कई लोगों को जो समस्याएं परेशान कर रही हैं, वे हैं ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल. इन दोनों समस्याओं को साइलेंट किलर भी कहा जाता है. इनके शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते. हालांकि, ये दोनों समस्याएं हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकती हैं. तीस की उम्र के बाद, तनाव, गलत खान-पान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण ये दोनों समस्याएं तेजी से बढ़ती हैं. इसलिए आपको नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए. साथ ही, कोलेस्ट्रॉल लेवल जानने के लिए सभी को लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाना चाहिए.
डायबिटीज टेस्ट: आजकल बहुत से लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. कई लोगों को यह कम उम्र में ही हो जाता है. तनावपूर्ण जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खान-पान इस बीमारी के खतरे को बढ़ा देते हैं. अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज है या आपका वजन ज्यादा है, तो आपको अपने शुगर लेवल की जांच जरूर करवानी चाहिए. खास तौर पर, आपको अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करवानी चाहिए. खाली पेट (फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट) और खाने के बाद अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाना जरूरी है. ये जांचें न सिर्फ आपको प्री-डायबिटिक होने का पता लगाती हैं, बल्कि आपको समय रहते जरूरी बदलाव करने में भी मदद करती हैं.
लिवर और किडनी टेस्ट: लिवर और किडनी मानव शरीर के दो महत्वपूर्ण अंग हैं. ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं. शराब, खराब खान-पान और दवाओं के अत्यधिक सेवन से लिवर और किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए लिवर और किडनी की जांच अनिवार्य है. लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) और किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) जरूर करवाएं. इससे किडनी और लिवर की स्वास्थ्य स्थिति जानने में मदद मिल सकती है. अगर कोई समस्या हो, तो कम उम्र में ही इलाज शुरू किया जा सकता है.
विटामिन डी और बी12 टेस्ट: विटामिन डी और बी12 शरीर के लिए बेहद जरूरी विटामिन हैं. हालांकि, भारत में कई लोग विटामिन डी और बी12 की कमी से जूझ रहे हैं. विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाता है. विटामिन डी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है. वहीं, विटामिन बी12 तंत्रिका तंत्र और लाल रक्त कोशिकाओं के लिए बेहद जरूरी है. इन दोनों की कमी से थकान, हड्डियों में दर्द और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. डॉ. तरंग ने बताया कि डॉक्टर की सलाह पर ही इन विटामिनों की जांच करवानी चाहिए.
कैंसर की जांच: अगर कैंसर का शुरुआती दौर में ही पता चल जाए, तो इसके ठीक होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है. इसलिए, 30 साल की उम्र के बाद कुछ कैंसर जांच करवाना भी जरूरी है.
महिलाओं के लिए
पैप स्मीयर: यह परीक्षण गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है.
ब्रेस्ट टेस्ट: अपने डॉक्टर से नियमित रूप से ब्रेस्ट टेस्ट करवाएं स्तनों में गांठों की जांच करना भी जरूरी है.
पुरुषों के लिए
पी.एस.ए.: यह प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए किया जाता है.

