ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक भगवती मां दुर्गा धरती पर आकर भक्तों को आशीर्वाद देती हैं. इस दौरान कई भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए तप, जप, हवन और व्रत रखते हैं. इसके साथ ही कई लोग पूरे नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाते हैं.
अखंड दीपक का महत्व
काशी के प्रसिद्ध पुजारी पंडित अजय शुक्ला के अनुसार, नवरात्रि में जलता अखंड दीपक देवी दुर्गा के आह्वान और भक्तों की भक्ति का प्रतीक है. यह दीपक जीवन में निरंतर प्रकाश, ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक मानी जाती है. जहां अखंड ज्योति जलती है, वहां देवी दुर्गा की विशेष कृपा और उपस्थिति रहती है. यह दीपक घर को बुरी शक्तियों से मुक्त रखता है और शांति तथा समृद्धि का संचार करता है. साथ ही यह दीपक आस्था और विश्वास की मजबूती का प्रतीक भी है, जो भक्तों को कठिन समय में शक्ति और संबल प्रदान करता है.
पूजा के दौरान ज्योति बुझ जाए तो क्या करें
पंडित अजय शुक्ला ने बताया कि यदि लंबी बाती वाली ज्योति बीच में बुझ जाए, तो अधजली बाती को हटाकर नई बाती लगाएं और दीपक को पुनः जलाएं. इस दौरान पूजा खंडित न हो इसके लिए पहले पास में एक छोटा दीपक जला लें. यदि अखंड दीपक की बाती बदलनी हो, तो भी पास के छोटे दीया को जलाकर मुख्य दीपक में नई बाती और घी डालकर उसे दोबारा प्रज्वलित करें. छोटे दीपक को जलने दें और बाद में हटा लें.
मंत्र जाप करें
अखंड दीपक जलाते समय मंत्र जाप करना भी महत्वपूर्ण है. पंडित अजय शुक्ला ने बताया कि निम्न मंत्र का उच्चारण करने से देवी की कृपा बनी रहती है:
“ऊं जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते..
दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति जनार्दन:, दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते..”
नवरात्रि में अखंड दीपक का महत्व
अखंड ज्योति का प्रज्वलन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि का संदेश लेकर आता है. पंडित अजय शुक्ला के बताए गए उपाय अपनाने से पूजा खंडित नहीं होती और भक्त का पुण्य सुरक्षित रहता है.

