सुकमा:- जिले में एक बार फिर निर्माण कार्य में लापरवाही का नतीजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. एक सड़क जो 3 साल से निर्माणाधीन थी और 2-3 महीने पहले ही जिसका काम पूरा हुआ वह बारिश में बह गई. या यूं कहें कि ग्रामीणों की उम्मीदें भी बहा ले गई. सड़क टूटने से कई गांवों का संपर्क टूट गया है.
इस तरह किया गया नजरअंदाज: हाल ही में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा मिट्टी, मुरुम और डब्ल्यूबीएम का कार्य पूरा किया गया था. ग्रामीणों ने बताया कि सड़क का जो हिस्सा पानी में बहा है वहां पुलिया बननी थी. इसे ठेकेदार और विभाग ने नजरअंदाज कर दिया. इसी के चलते वो हिस्सा बारिश के पानी में तेज बहाव के चलते बह गया.
फिर से जान जोखिम में: यह सड़क बोड्डीगुड़ा से टेटरई को जोड़ने वाली सड़क थी. इससे टेटरई और पुजारीपारा जैसे गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है. फिलहाल ग्रामीण अपनी मेहनत से बहाव वाली जगह के पास से अस्थायी रास्ता बना रहे हैं, लेकिन वह भी जोखिम भरा है. ग्रामीणों ने चिंता जताई कि अगर किसी की तबीयत बिगड़ जाए तो गांव से अस्पताल तक पहुंचाना मुश्किल होगा.
देखिए लापरवाही के नतीजे की तस्वीरें
विभाग ने किया निरीक्षण: मामले की गंभीरता को देखते हुए सुकमा कलेक्टर ने PWD को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए. PWD के EE आलोक ध्रुव ने बताया कि, स्थल का निरीक्षण किया गया है और जल्द ही पाइप डालकर अस्थायी रास्ता बहाल किया जाएगा. इसके साथ ही जल्द पुलिया निर्माण की भी प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
अब न तो एंबुलेंस वहां तक पहुंच पा रही है, न ही ग्रामीण सुरक्षित ढंग से आ-जा पा रहे हैं. बरसात के दिनों में जब बीमारियों का खतरा अधिक रहता है, ऐसे समय में संपर्क मार्ग का टूटना ग्रामीणों के लिए बड़ा संकट बन गया है. ऐसी कई लापरवाही का नतीजा सिर्फ गांव वालों और जनता को ही भुगतना पड़ता है.