जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुरनगर क्षेत्र के मधुवनटोली स्थित घर के पास मिली बोरी में लाश की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। दोस्त ने ही प्रेमिका के साथ मिलकर अपने दोस्त की हत्या की थी। वारदात के बाद पुलिस को गुमराह करने उसके शव को बोरी में भरकर फेंक दिया था। पुलिस पूछताछ में नाबालिग आरोपी ने बताया कि उसकी मां को फोन पर रोज मृतक शिकायत करता था। उसकी प्रेमिका और उसके शराब पीने की बात को भी मृतक ने ही उसकी मां को बताया था। इसी गुस्से में उसने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी और शव को बोरी में भरकर फ़ेंक दिया था।
जानकारी के मुताबिक, 31 अक्टूबर को सिटी कोतवाली जशपुर को सूचना मिली कि मधुवनटोली स्थित एक घर के पास एक 15 वर्षीय अज्ञात बालक का शव पड़ा है, इस सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव के पैर वाले हिस्से को जूट का बोरा से ढंका गया। मृतक के चेहरा, सिर, कंधा, कान, सीना इत्यादि में गंभीर चोंट लगने के निशान मिले। मौके पर उपस्थित लोगों से मृतक की पहचान कराई गई। मर्ग जाॅंच उपरांत प्रकरण में मानव वध घटित करना पाये जाने पर मृतक के भाई के रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 103(1) भा.न्या.सं. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
नाबालिग बालक की हत्या के गंभीर मामले में एसपी शशि मोहन सिंह, ASP अनिल सोनी द्वारा थाना प्रभारी कोतवाली को टीम बनाकर प्रकरण के हर पहलु की गंभीरता से जाॅंच के निर्देश दिये गये। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार इसकी माॅनीटरिंग की जा रही थी। जांच के दौरान मृतक के भाई एवं माॅं के कथन से ज्ञात हुआ कि मृतक की दोस्ती काफी दिनों से जशपुर के एक मोहल्ले के 17 वर्षीय नाबालिग लड़के से थी जो अक्सर उसके घर में ही रहता था और वहीं सोता था। संदेह के आधार पर संघर्षरत नाबालिग लड़के को संरक्षण में लेकर पूछताछ किया गया, जिसने बताया कि घटना में उसका साथ मनोरा क्षेत्र की उसकी एक प्रेमिका 17 वर्षीय नाबालिग लड़की ने दिया। उक्त विधि से संघर्षरत नाबालिग लड़की को भी महिला अधिकारी द्वारा संरक्षण में लेकर पूछताछ किया गया।
नाबालिग लड़के ने बताया कि मृतक घर में अकेले रहता है, इसकी माॅं मध्यप्रदेश में नौकरी करती है। आरोपी की माॅं से मृतक हमेशा फोन से बातचीत करता था। मृतक एवं अपचारी बालक की दोनों में अच्छी मित्रता थी। 28 अक्टूबर को मृतक इसके घर में आकर सोया था। 29 अक्टूबर को भी मृतक इसके घर में ही था। शाम को दोनों मिलकर शराब पीये। इसी दौरान लगभग 5ः30 बजे अपचारी की प्रेमिका मनोरा क्षेत्र के एक ग्राम से अपनी 2 बहन के साथ स्कूटी से आरोपी के घर में आई थी जो लगभग 7 बजे वापस घर जाने के लिये जिद करने लगी तो आरोपी ने स्कूटी के चाबी को छिपा दिया। प्रेमिका की बहनों ने फोन कर अपने पिता को बुलाया। उनके आने पर आरोपी एवं मृतक डर से बाउंड्री से कूदकर वहां से भाग गये। इसके बाद प्रेमिका के पिता आये और अपनी तीनों पुत्री को वहां से ले गये।
29 अक्टूबर की रात में फिर से शराब पीने के बाद मृतक, आरोपी बालक के बेड पर सो रहा था। इसी दौरान आरोपी ने मृतक के मोबाइल के इंस्टाग्राम चैट को देखने पर ज्ञात हुआ कि वह उसकी माॅं से लगातार संपर्क में था, उसके लिव इन रिलेशनशीप एवं शराब पीने की पूरी जानकारी उसकी माॅं को देता था, माॅं को भड़काता था। इस कारण उसकी माॅ इसे पैसा कम भेजती थी, इसी बात से नाराज होकर गुस्सा में आकर पलंग के नीचे रखा लौहे का हथौड़ा से सो रहे दोस्त के गाल, कनपटी में 3 बार मारा, जिसके बाद उसकी सांसे चल रही थी अधमरा हो गया था। यह डरकर घर में ताला लगाकर अपनी प्रेमिका के घर पहुंचा उसको सारी बात बताकर वहीं सो गया।
30 अक्टूबर को प्रेमिका ने अपने प्रेमी को कहा कि वह अधमरा है, उसको मार देते हैं, नहीं तो हमलोग फंस जायेंगे, फिर वे दोनों प्रेमिका के पिता की स्पलेण्डर से घर से 2 जूट बोरा लेकर जशपुर पहुंचे। कुछ देर घूमने के बाद रात लगभग 11 बजे जशपुर स्थित घर में पहुंचे। उस दौरान अपचारी का दोस्त बेड पर ही था उसकी सांसे चल रही थी, फिर दोनों मिलकर घर में रखे गैंती से माथा, कनपट्टी, चेहरा, हथौडी से मुंह में एवं किचन में रखा चाकू से सीना में वार कर उसके शव को बोरा में भरकर बाउंड्रीवाल के उस पार फेंक दिए। मृतक के मोबाइल घटना में प्रयुक्त चाकू को वापस मनोरा की ओर जाते समय एक डेम में फेंक दिए।
अपचारी बालक के कब्जे से घटना में प्रयुक्त गैंती, हथौड़ी एवं मोटर सायकल जब्त किया। खून लगे कपड़े को अपचारी बालिका के कब्जे से जब्त किया है। दोनों के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर 1 नवम्बर को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया। जांच की विवेचना कार्रवाई एवं संरक्षण में लेने में निरीक्षक रविशंकर तिवारी, उप निरीक्षक राजकुमार कश्यप, उप निरीक्षक सरिता तिवारी, स.उ.नि. स्नेहलता सिंह, स.उ.नि. चंद्रप्रकाष त्रिपाठी, आर. 378 विनोद तिर्की, आर. शोभनाथ सिंह, आर. 350 हेमंत कुजूर, आर. रवि राम, आर. विशेश्वर राम का योगदान रहा।