नई दिल्ली:- भारत देश की आगामी जनगणना के दौरान खुद की गणना के लिए एक विशेष समर्पित वेब पोर्टल लॉन्च किया जाएगा. ये वेब पोर्टल राष्ट्रीय गणना अभ्यास के दोनों चरणों के लिए उपलब्ध होगा.
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि आगामी जनगणना के दौरान स्वयं गणना के लिए एक विशेष समर्पित वेब पोर्टल लॉन्च किया जाएगा. उन्होंने ये भी बताया कि ये वेब पोर्टल राष्ट्रीय गणना अभ्यास के दोनों चरणों के लिए उपलब्ध होगा.
उन्होंने बताया कि देश की पहली डिजिटल जनगणना में, गणनाकर्ता अपने एंड्रॉइड और एप्पल फोन पर मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके नागरिकों का डेटा एकत्र करेंगे.
यह देश में पहली बार होगा कि नागरिकों को एक समर्पित वेब पोर्टल के माध्यम से स्वयं गणना करने का मौका मिलेगा. यह जनगणना के दोनों चरणों – हाउसलिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस (एचएलओ) और जनसंख्या गणना के लिए उपलब्ध होगा.
एक अधिकारी ने कहा, “डिजिटल जनगणना पहल जनगणना प्रक्रिया को आधुनिक बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है. पहली बार, डेटा एकत्र करने और इसे केंद्रीय सर्वर पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा. इससे जनगणना डेटा की जल्दी उपलब्धता होगी.” संग्रह, संचरण और भंडारण के समय डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत कड़े डेटा सुरक्षा उपाय किए जाएंगे.
गौर करें तो एचएलओ 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होगा. उसके बाद चरण 2, एक फरवरी, 2027 से शुरू होगा. इसमें जनसंख्या गणना (पीई) की जाएगी. आगामी जनगणना में घर के सदस्यों की जातियों की गणना की जाएगी.
गौर करें तो साल 2027 की जनगणना के लिए संदर्भ तिथि 1 मार्च, 2027 को 00:00 बजे और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले गैर-समकालिक क्षेत्रों के लिए 1 अक्टूबर, 2026 को 00:00 बजे होगी.
यह देश में इस प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी. इसके लिए 16 जून 2025 को राजपत्र अधिसूचना जारी की गई थी.
भारत के महापंजीयक ने प्रत्येक चरण के लिए तीन-स्तरीय केंद्रित और आवश्यकता-आधारित प्रशिक्षण की व्यवस्था की है. इसमें राष्ट्रीय प्रशिक्षक, मास्टर प्रशिक्षक और फील्ड प्रशिक्षक शामिल होंगे.
इस व्यापक अभ्यास के लिए फील्ड ट्रेनर करीब 34 लाख गणनाकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे.
आरजीआई ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में प्रस्तावित कोई भी बदलाव 31 दिसंबर से पहले करें. इसके बाद ही उन्हें जनगणना अभ्यास के लिए अंतिम माना जाएगा.
भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा था कि जनगणना के लिए सभी गांवों और कस्बों को एक समान गणना ब्लॉकों में विभाजित किया जाता है.
इसके साथ ही प्रत्येक ब्लॉक के लिए एक गणनाकर्ता नियुक्त किया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि जनसंख्या गणना के दौरान किसी भी चूक या दोहराव से बचा जा सके.
नियमों के मुताबिक, प्रशासनिक इकाइयों जैसे जिलों, उप-जिलों, तहसीलों, तालुकाओं और पुलिस स्टेशनों की सीमाएं स्थिर होने के तीन महीने बाद ही जनगणना की जा सकती हैं.
नारायण ने कहा था कि एक अप्रैल 2026 से मकान सूचीकरण कार्य, पर्यवेक्षकों और गणनाकारों की नियुक्ति और उनके बीच कार्य विभाजन किया जाएगा. उसके बाद से एक फरवरी 2027 से जनगणना शुरू होगी.