रायपुर:- शहर और ग्रामीण इलाकों में 27 अगस्त से गणपति बप्पा विराजित हो गए हैं. लोग गणपति के स्वागत सत्कार से लेकर विधि विधान से पूजा आराधना करने में जुटे हैं. भक्तों की भीड़ भी गणेश चतुर्थी के दिन से लगातार रायपुर में देखने को मिल रही है. रायपुर में छोटे बड़े मिट्टी की मूर्तियों के साथ ही AI वाले गणपति भी कई जगहों पर विराजित हैं. लेकिन उन सबसे हटकर डंगनिया में ईको फ्रेंडली गणपति बप्पा आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.
ईको फ्रेंडली बप्पा की धूम: भक्त सबसे ज्यादा ईको फ्रेंडली गणपति को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. रायपुर के डंगनिया में इस बार 2 जगहों पर ईको फ्रेंडली गणपति की स्थापना की गई है. दोनों जगहों की मूर्तियों को शिवचरण मूर्तिकार ने बनाया है. शिवचरण की बनाई ईको फ्रेंडली मूर्तियों को लोग काफी पंसद कर रहे हैं. लोगों को कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के जमाने में ईको फ्रेंडली मूर्तियां उनको खूब भा रही हैं.
चिल्ड्रेन करंसी, जनेऊ और सुपारी से बने बप्पा: ईको फ्रेंडली गणपति जी को बनाने के लिए चिल्ड्रेन करंसी, जनेऊ और सुपारी का इस्तेमाल किया गया है. जो भक्त इन ईको फ्रेंडली मूर्तियों को देखने आते हैं वो बप्पा के साथ अपनी सेल्फी लेना नहीं भूलते. सुपारी, जनेऊ और चिल्ड्रेन करंसी से बने गणपति की लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं. डंगनिया में बनाए गए ईको फ्रेंडली गणपति की स्थापना करने वाले उत्सव समिति के लोग कहते हैं कि, वो हर साल इसी तरह की थीम पर ईको फ्रेंडली गणपति स्थापित करते हैं.