नई दिल्ली :- बारिश का मौसम भले ही भीषम गर्मी से रातत देता है, लेकिन मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श परिस्थितियां भी पैदा करता है, जिससे डेंगू बुखार का खतरा बढ़ जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मानसून के दौरान शहरी और सेमी-अर्बन इलाकों में डेंगू के मामले काफी बढ़ जाते हैं. डेंगू की बीमारी मुख्य रूप से संक्रमित एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से फैलती है. इसका समय पर इलाज न मिलने पर हल्के बुखार से लेकर जानलेवा कॉम्प्लिकेशन तक का कारण बन सकती है. यह एक गंभीर पब्लिक हेल्थ प्रोब्लेम है. ऐसे में आज इस खबर के माध्यम से जानें कि डेंगू बुखार होने पर क्या-क्या लक्षण दिखाई देते हैं.
डेंगू बुखार के लक्षण
तेज बुखार (104°F या अधिक): इसका पहला और सबसे आम लक्षण अचानक, तेज बुखार है जो कई दिनों तक रह सकता है, जो अक्सर ठंड लगने और बेचैनी के साथ आता है.
तेज सिरदर्द और आंखों के पीछे दर्द: आंखों के पीछे दर्द, जो हिलने-डुलने से बढ़ जाता है, डेंगू बुखार का एक आम लक्षण है. यह दर्द अक्सर सिरदर्द के साथ होता है.
मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द: मांसपेशियों और जोड़ों के गंभीर दर्द के कारण अक्सर हिलना-डुलना या नियमित कार्य करना मुश्किल हो जाना.
त्वचा पर चकत्ते: बुखार शुरू होने के कुछ दिनों बाद आमतौर पर एक लाल धब्बेदार चकत्ते दिखाई देते हैं और अक्सर खुजली वाले होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के एक्टिव होने का संकेत देते हैं.
मतली और लगातार उल्टी: लगातार उल्टी से डिहाइड्रेशन हो सकता है, और यह गंभीर डेंगू (dengue) का संकेत हो सकता है, जिसके लिए डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है.
ब्लीडिंग के लक्षण: मसूड़ों से खून आना, नाक से खून आना, उल्टी या मल में खून आना, या आसानी से चोट लगना, प्लेटलेट काउंट में खतरनाक गिरावट के चेतावनी संकेत हैं. पेट में तेज दर्द और तरल पदार्थ का जमा होना. पसलियों के नीचे सूजन, सूजन या बेचैनी, आंतरिक तरल पदार्थ के रिसाव और लिवर की समस्या का संकेत हो सकता है, जो गंभीर डेंगू में आम है.
थकान, नींद ना और बेचैनी: अत्यधिक थकान, नींद ना आना या असामान्य चिड़चिड़ापन संक्रमण के बिगड़ने और अंगों पर संभावित दबाव का संकेत देता है.
पोस्टुरल चक्कर आना (बीपी में अचानक गिरावट): जल्दी से खड़े होने पर बेहोशी महसूस होना लो ब्लड प्रेशर और खराब रक्त संचार से जुड़ा है, जिसके लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है.
लिवर का बढ़ना और अंगों की समस्या: दाहिनी पसलियों के नीचे दर्द या बेचैनी, या पेट में सूजन, लिवर के बढ़ने का संकेत हो सकता है, जो डेंगू की एक गंभीर जटिलता है. इस स्थिति को “हेपेटोमेगाली” कहा जाता है, जिसका मतलब है कि लिवर नॉर्मल से बड़ा हो गया है.
मच्छरों के प्रजनन स्थलों को हटाएं:
गमलों, कूलरों, गमलों और अन्य कबाड़ से रुका हुआ पानी हटाएं. रुके हुए पानी को बार-बार बदलें और ऊपरी टंकियों को कसकर ढक दें.
मच्छर भगाने वाली क्रीम और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें:
मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे लगाएं और मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, खासकर रात में और बच्चों के लिए.
सुरक्षात्मक कपड़े पहनें:
त्वचा के खुले रहने और काटने से बचने के लिए पूरी बाजू की शर्ट, पूरी लंबाई वाली पैंट और मोजें चुनें. आसपास के वातावरण को साफ और सूखा रखें. कचरे का उचित तरीके से निपटान करें, नालियों को साफ करें और मच्छरों के प्रजनन के स्थानों को कम करने के लिए पानी जमा होने से रोकें.
खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगाएं:
जालीदार जाली मच्छरों को आपके घर में घुसने से रोकती हैं, जिससे घर के अंदर मच्छरों का प्रवेश कम होता है. मच्छर भगाने वाली कॉइल या इलेक्ट्रिक वेपोराइजर का इस्तेमाल करें. ये मच्छरों को दूर रखने में मदद करते हैं.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं:विटामिन सी, जिंक और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.
मानसून के दौरान अपने स्वास्थ्य पर नजर रखें:
अगर आपको तेज बुखार, चकत्ते या कोई असामान्य ब्लीडिंग हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें, क्योंकि समय पर इलाज से कॉम्प्लिकेशन्स कम हो जाती हैं.