नई दिल्ली :- सहजन के पेड़ के पत्ते, फल और फूल, सभी में औषधीय गुण होते हैं. सहजन के पत्ते विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. नियमित रूप से अपने आहार में सहजन के पत्तों को शामिल करने से वजन घटाने और पाचन संबंधी समस्याओं में मदद मिलती है. आइए जानते हैं कि सहजन के पत्ते खाने से शरीर में क्या बदलाव आते हैं…
पोषक तत्वों का भंडार: सहजन के पत्ते कई विटामिनों जैसे A, C, E, K, B1, B2, B3, और कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं. इसमें गाजर से 10 गुना ज्यादा vitaminA, संतरे से 7 गुना अधिक vitamin C, दूध से 17 गुना अधिक कैल्शियम और केले से 15 गुना ज्यादा पोटैशियम होता है. NCBI जर्नल में 2023 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सहजन के पत्तों का उपयोग घाव, दर्द, अल्सर, लिवर रोग, हृदय रोग, कैंसर और सूजन के इलाज के लिए किया जाता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: सहजन के पत्तों में मौजूद विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं. इससे शरीर को संक्रमणों और बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है. सहजन के पत्ते सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी आम बीमारियों से बचाव में अहम भूमिका निभाते हैं.
एनीमिया दूर करता है: सहजन के पत्तों में आयरन भरपूर मात्रा में होता है. यह शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और एनीमिया से बचाता है. एनसीबीआई जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन, जिसका शीर्षक है, “तंजानिया के किसरावे जिले में दो साल से कम उम्र के बच्चों में एनीमिया कम करने पर मोरिंगा ओलीफेरा लीफ पाउडर सप्लीमेंट का प्रभाव ,” से पता चला है कि सहजन के पत्ते बच्चों में एनीमिया को प्रभावी ढंग से रोकते हैं. छोटे से लेकर बड़े बच्चों तक, सभी को सप्ताह में दो बार सहजन के पत्ते खाने की सलाह दी जाती है.
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में मददगार: सहजन के पत्तों में मौजूद फाइटोकेमिकल्स ब्लड वेसेल्स में दबाव कम करने और ब्लड फ्लो में सुधार करने में मदद करते हैं. इससे हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। फ्रंटियर्स पत्रिका में प्रकाशित 2022 के एक अध्ययन में पाया गया कि सहजन में ऐसे यौगिक होते हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं. 2021 के एक अध्ययन में पाया गया कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में सहजन के पत्तों का सेवन करने के 2 घंटे के भीतर ब्लड प्रेशर में कमी देखी गई.
डायबिटीज कंट्रोल: मोरिंगा के पत्तों में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखकर डायबिटीज रोगियों की मदद करता है. एनसीबीआई पत्रिका में प्रकाशित 2021 के एक अध्ययन के अनुसार , यह ब्लड में एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को बढ़ाने, ब्लड शुगर के स्तर को कम करने और पुरानी सूजन को कम करने में मदद करता है.
पाचन क्रिया में सुधार: सहजन के पत्ते फाइबर से भरपूर होते हैं. ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और कब्ज, अपच और अल्सर जैसी पेट संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं. ऐसा कहा जाता है कि ये स्वस्थ मल त्याग में योगदान करते हैं.
हड्डियों की मजबूती: सहजन के पत्तों में कैल्शियम और फास्फोरस भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है. इससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों से जुड़ी बीमारियों से बचाव में मदद मिलती है.
एंटीऑक्सीडेंट गुण: सहजन के पत्तों में फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक कंपाउंड और पॉलीफेनोल्स जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. ये शरीर में मुक्त कणों से लड़ते हैं, कोशिका क्षति को रोकते हैं, दीर्घकालिक रोगों से बचाते हैं और कैंसर के खतरे को कम करते हैं.
जोड़ों का दर्द: सहजन के पत्तों में सूजन-रोधी गुण होते हैं. ये शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं. सहजन के पत्तों में कैल्शियम और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को कम करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.
त्वचा और बालों का स्वास्थ्य: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बढ़ती उम्र के लक्षणों से लड़ते हैं. मोरिंगा के पत्तों में मौजूद विटामिन ए और ई मुंहासों को कम करते हैं, त्वचा को मुलायम बनाते हैं और बालों का झड़ना कम करते हैं. खास तौर पर, ये शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ाकर बालों के विकास में मदद करते हैं.