रायपुर : इन दिनों सोशल मीडिया इस तरह के ऐड से पटा पड़ा है, जिसमें लोग अपने तेल और शैंपू से झड़ चुके बालों को वापस लाने का दावा करते हैं. गंजेपन का शिकार लोग, इन झांसों में आ जाते हैं और अपने हजारों रुपये इन फेक प्रोडक्ट्स के ऊपर खर्च कर देते हैं. चलिए आज आपको विज्ञान के आधार पर बताते हैं कि क्या झड़ हुए बालों को वापस लाया जा सकता है. इसके अलावा हम आपको बताएंगे कि आखिर बालों के झड़ने के पीछे मुख्य कारण क्या-क्या हैं.
बाल झड़ते क्यों हैं?
सोशल मीडिया पर अगर आप इसका जवाब तलाशने जाएंगे तो आपको लोग कई तरह की बातें बताएंगे. लेकिन आज हम आपको उन कारणों के बारे में बताएंगे जिन पर विज्ञान बात करता है. विज्ञान के अनुसार, बाल झड़ने की सबसे आम वजह आपके जींस से जुड़ा होता है. इसे विज्ञान की भाषा में एंड्रोजेनेटिक अलोपीशिया कहते हैं. 50 फीसदी से ज्यादा पुरुषों और महिलाओं में बाल झड़ने की मुख्य वजह यही होती है.
जींस पर विज्ञान क्या कहता है?
अब सवाल उठता है कि बाल झड़ने के पीछे कौन से जींस का हाथ होता है. क्या पिता के बाल झड़े हैं तो बेटे के भी झड़ेंगे. दरअसल, ऐसा नहीं है. विज्ञान कहता है कि गंजेपन के लिए जीन एक्स क्रोमोसोम जिम्मेदार होते हैं और यह इंसान में उसकी मां से आते हैं. साइंस की भाषा में इसे एआर जीन कहते हैं. लेकिन गंजेपन के लिए सिर्फ यही जींस जिम्मेदार नहीं होता. बल्कि इसके लिए लगभग 200 जींस जिम्मेदार होते हैं. ये इंसान को मां और पिता दोनों से प्राप्त होते हैं.
क्या बाल कभी वापस उगते हैं
जर्मन न्यूज वेबसाइट डीडब्लू के अनुसार, साल 2020 में बाल झड़ने की समस्या का इलाज करने वाले प्रोडक्ट्स का कुल मार्केट साइज लगभग 300 करोड़ डॉलर था. भारतीय रुपये में ये 2,51,61,94,50,000 रुपये होगा. अनुमान है कि 2030 तक ये दोगुना हो जाएगा. अब ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या झड़ चुके बाल वापस उग सकते हैं? वैज्ञानिक मानते हैं कि हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी और लेजर हेयर थेरेपी कुछ हद तक काम करती है. इसके अलावा तेल और शैंपू से ऐसा नहीं किया जा सकता.
हां, कुछ दवाइयां जरूर हैं जो बालों को मजबूत बनाती हैं और उन्हें झड़ने से रोकती हैं. लेकिन बालों को वापिस उगा पाने में वह पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं. ये दवाइयां किसी को भी बिना डॉक्टर के सलाह के नहीं लेनी चाहिए. इनमें से एक दवाई है फिनास्टेराइड. फिनास्टेराइड डीएचटी हॉर्मोन को रोकने का काम करती है, ताकि वह हेयर फॉलिकल्स को प्रभावित न करे. दूसरी दवाई है मिनोक्सिडिल. मिनोक्सिडिल रक्त वाहिकाओं को खोलती है. हालांकि, यह आज भी पूरी तरह समझा नहीं गया है कि यह हेयर ग्रोथ को कैसे बढ़ाती है.
एक नई खोज पर चल रहा है काम
हाल ही में कुछ वैज्ञानिकों ने लैब में चूहों पर प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली टू-डिऑक्सी-डी-राइबोज शुगर का परीक्षण किया. ऐसे तो ये रिसर्च घाव भरने में मदद करने की क्षमता का परीक्षण करना था, लेकिन डॉक्टरों ने नोटिस किया कि ये शुगर देने के बाद घाव के आसपास बालों की ग्रोथ पहले के मुकाबले बढ़ गई थी. इसे देखने के बाद डॉक्टरों ने इस शुगर का इस्तेमाल बालों के ग्रोथ के लिए किया. इस रिसर्च में पता चला कि 21 दिनों तक इस शुगर को जेल की तरह लगाने से हेयर फॉलिकल्स तेजी से बढ़ते हैं. लेकिन यह रिसर्च अभी सिर्फ चूहों पर हुआ है. इंसानों तक ये दवाई पहुंचने में शायद कई साल लगेंगे.