हमारा ब्रेन हमारे शरीर के हर अंग को कंट्रोल करता है और मस्तिष्क के समुचित कार्य के लिए मजबूत तंत्रिकाएं जरूरी हैं, क्योंकि तंत्रिकाएं ब्रेन से शरीर के अन्य हिस्सों तक संदेश पहुंचाती हैं, जिससे सोच, महसूस करने और चलने जैसी एक्टिविटी संभव होती हैं. हालांकि, मॉडर्न लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतों के कारण, बहुत से लोग तंत्रिका कमजोरी से पीड़ित हैं. इससे सिरदर्द, बदन दर्द, ऐंठन और हाथ-पैरों में झुनझुनी जैसी समस्याएं होती हैं.
ये लक्षण थकान या तनाव के कारण हो सकते हैं, और ये तंत्रिका दबाव या रुकावट का भी संकेत हो सकते हैं. तंत्रिका कमजोरी का एक मुख्य कारण खराब ब्लड सर्कुलेशन है. लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से रक्त संचार धीमा हो जाता है, जिससे तंत्रिकाओं को पर्याप्त खून की आपूर्ति नहीं हो पाती और वे कमजोर हो जाती हैं. इस समस्या से राहत पाने के लिए यहां पांच घरेलू उपाय दिए गए हैं. आइए इन उपायों और उनके लाभों के बारे में जानें
मेथी दाना– नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, मेथी के बीज नसों को मजबूत कर सकते हैं क्योंकि इनमें फाइबर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो नसों की सूजन और अकड़न को कम करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करते हैं. ये नसों में ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाह को बनाए रखने में भी मदद करते हैं. मेथी के बीजों का सेवन नसों की सूजन और अकड़न को कम कर सकता है. मेथी कोलेस्ट्रॉल कम करने और धमनियों के बंद होने के खतरे को कम करने में कारगर है.
कैसे करें सेवन
एक चम्मच मेथी के दाने रात भर भिगो दें.सुबह खाली पेट इसे खाएं या इसका पानी पी लें.
दालचीनी- नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, दालचीनी नसों की सूजन और रुकावट को रोकने में बेहद कारगर है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो नसों को मजबूत बनाते हैं. यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और नसों में जमा वसा और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है.
कैसे करें सेवन
सुबह गर्म पानी या शहद के साथ आधा चम्मच दालचीनी पाउडर लें.
नसों के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल
नसों की कमजोरी और दर्द को कम करने के लिए हीट थेरेपी एक अच्छा उपाय है. गुनगुने पानी से नहाएं. नसों पर गर्म सेंक से मालिश करें. इससे दर्द से राहत मिलेगी
अदरक की चाय
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, नसों की कमजोरी और दर्द को कम करने के लिए अदरक की चाय सबसे अच्छा विकल्प है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो नसों के दर्द को कम कर सकते हैं.
त्रिफला चूर्ण- आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण का बहुत महत्व है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, इसका उपयोग नसों के दर्द के इलाज के लिए किया जाता है. त्रिफला चूर्ण नसों को आराम देता है और नसों की कमजोरी को दूर करता है. बता दें, त्रिफला चूर्ण एक आयुर्वेदिक दवाई है जो तीन फलों (आंवला, बहेड़ा और हरड़) को मिलाकर बनती है.
कैसे करें सेवन
त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलाकर पी लें. इन सुझावों का पालन करने से तंत्रिका कमजोरी की समस्या कम हो जाएगी.

