💫 राधारमणम हरे हरे💫
धर्म और आध्यात्म से जुड़ा ग्रह जिसे देवगुरु बृहस्पति कहा जाता है। गुरु कर्क राशि में उच्च के होते हैं वहीं मकर राशि में नीच के हो जाते हैं। वर्तमान में देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में गोचर कर रहे थे। वर्तमान में गुरु अस्त चल रहे थे। कोई भी ग्रह सूर्य के 9 अंश के करीब आता है तो सूर्य के प्रभाव से वह अस्त हो जाता है। ज्योतिष में बृहस्पति का संबंध धर्म अध्यात्म और प्रारब्ध से जुड़ा हुआ है।किसी भी जातक के जन्म लग्न में स्थित गुरु से ज्ञात होता है कि जातक धार्मिक होगा या नहीं। जीवन में कितनी सफलता अर्जित करेगा कितना ज्ञान प्राप्त करेगा। गुरु को उच्च शिक्षा का कारक ग्रह माना गया है। 12 जून को जैसे ही गुरु अस्त हुए मांगलिक कार्य बंद हो गए थे। आगामी 9 जुलाई को गुरु ग्रह मिथुन राशि में उदित हो रहे हैं। गुरु के उदय का द्वादश राशियों पर सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ने वाले हैं। आइए आचार्य पंडित गिरीश पाण्डेय जी से जानते हैं किन राशियों के लिए गुरु सफलता की सौगात लेकर के आने वाले हैं और किन राशियों पर पड़ेगा गुरु का नेगेटिव इफेक्ट –
इन राशियों पर पड़ेगा पाज़िटिव इफेक्ट
मेष राशि
मेष राशि के लिए देवगुरु बृहस्पति नवम भाग्य और द्वादश व्यय भाव के स्वामी ग्रह हैं। मेष राशि के लिए बृहस्पति का उदय तीसरे भाव में होने वाला है जो कि पराक्रम का है। इस गोचर के बाद आपकी मेहनत का फल आपको मिलने लगेगा। जीवन में नए बदलाव आएंगे। कई मोर्चों पर सफलता प्राप्त करेंगे। आपकी कड़ी मेहनत से आप अपना मार्ग स्वयं प्रशस्त करेंगे। इस गोचर के दौरान आपको विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है। व्यापार में दबाव महसूस कर सकते हैं। सूझबूझ से कार्य करने से सफलता प्राप्त होगी। गुरु के व्यय भाव के मालिक होने के कारण आपके खर्च बढ़ सकते हैं। आय-व्यय में संतुलन बनाना आवश्यक होगा।
मिथुनराशि
मिथुन राशि के लिए देवगुरु बृहस्पति सप्तम और दशम यानी की पार्टनरशिप और कैरियर भाव के मालिक हैं। मिथुन राशि में ही गुरु का गोचर चल रहा है। यह समय आपके लिए सकारात्मक सोच बरकरार रखने का है। निगेटिविटी से दूर रहें। कार्य व्यापार के लिए यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। हालांकि गुरु का गोचर लग्न में हो रहा है फिर भी आपके समक्ष चुनौतियां आएंगी। आप महसूस कर सकते हैं कि आपकी आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया हो रहा है।
सिंह राशि
सिंह राशि के लिए देवगुरु बृहस्पति पंचम भाव जो कि विद्या और संतान का है तथा अष्टम भाव का स्वामी है। इस गोचर के फल स्वरुप कुछ अच्छे अनुभव आपको प्राप्त होंगे। सफलता की ओर धीरे-धीरे आप अग्रसर हो रहे हैं। व्यापार से जुड़े जातकों के लिए सफलता के अच्छे मौके मिलेंगे। आर्थिक रूप से इस गोचर के दौरान आप धन संग्रह करने में सफल हो सकते हैं। इन्वेस्टमेंट के लिए अच्छा समय रहेगा।
कन्याराशि
देवगुरु बृहस्पति कन्या राशि के जातकों के लिए करियर और व्यापार के भाव दशम में उदित हो रहे हैं। आपका ध्यान अपने प्रोफेशन में लगेगा। आपके करियर में कुछ सकारात्मक परिवर्तन हो सकते हैं। इस गोचर के दौरान आपको अपना भाग्य का साथ भी मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होंगे। मेहनत का फल मिलेगा।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति तृतीय और षष्ठ भाव के स्वामी है। देवगुरु बृहस्पति का उदय आपके लिए आपके भाग्य स्थान में होने वाला है। फल स्वरुप आपकी कड़ी मेहनत का फल और भाग्य का साथ आपको सफलता की सीढ़ी चढ़ने में मदद करेगा। नए प्लांस बनाएंगे। आर्थिक मोर्चे पर सफलता के योग बन रहे हैं।इस गोचर के दौरान आप अच्छा धन कमा सकते हैं।
कुंभराशि
देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि के जातकों के लिए द्वितीय और एकादश भाव के स्वामी हैं। द्वितीय भाव धन संचय का होता है जबकि एकादश भाव उन्नति और कमाई का। अपने कार्य क्षेत्र में जिस सफलता की आप प्रतीक्षा कर रहे थे वह आपको प्राप्त होने वाली है। यश, प्रतिष्ठा व सम्मान की प्राप्ति होगी। व्यापार में जो लोग शेयर या ट्रेडिंग से जुड़े हुए हैं उनके लिए धन कमाने का एक अच्छा अवसर प्राप्त होगा। सेविंग्स की तरफ ध्यान देंगे। फ्यूचर के लिए एक अच्छा प्लेटफार्म तैयार होगा।
इन राशियों पर पड़ेगा नेगेटिव इफेक्ट–
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति का गोचर 12वें भाव में हो रहा है। कर्क राशि के लिए देवगुरु बृहस्पति रोग ऋण शत्रु के भाव यानी छठे भाव और भाग्य भाव यानी नवें भाव के स्वामी हैं। बृहस्पति के उदित होने से कुछ चुनौतियां और कुछ संभावनाएं सामने आ सकती हैं। कार्य व्यापार में दबाव महसूस कर सकते हैं। इस गोचर के दौरान तनाव और बेचैनी महसूस हो सकता है। यह समय आपके लिए सतर्कता और सही योजना बनाने का होगा। व्यर्थ के खर्चों से स्वयं को बचाना होगा। आर्थिक मोर्चे पर कोताही न बरतें।
वृश्चिक राशि
गुरु बृहस्पति वृश्चिक राशि के जातकों के द्वितीय और पंचम भाव के स्वामी ग्रह हैं। वृश्चिक राशि के लिए बृहस्पति का उदय अष्टम भाव में होने वाला है। इसके फल स्वरुप आपको करियर और व्यक्तिगत जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आपकी बात का सीनियर्स को बुरा लग सकता है। व्यापार में सही रणनीति बनाकर के आगे बढ़ाना उचित होगा। आय कम और खर्च ज्यादा की स्थिति बन सकती है। पैसा बचाने में सफलता नहीं मिलेगी।
देवगुरु बृहस्पति की अनुकूलता के लिए उपाय
- बृहस्पतिवार के दिन व्रत करें.
- गुरु ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करें.
- ॐ बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का जाप करें.
- 4.केसर युक्त चंदन का तिलक लगाएं.
- किसी विद्वान पंडित से गुरु के मंत्र का 19000 जप कराएं.
🕉️देव गुरु वृहस्पति आप सभी पर कृपा करें 🕉️
पं. गिरीश पाण्डेय
एस्ट्रो-गुरू, भागवत-व्यास
एस्ट्रो- सेज पैनल -मेंबर
सचिव पुरोहित मंच
ज़िला- महासमुन्द छ.ग.
संपर्क सूत्र – 7000217167
संकट मोचन मंदिर
मण्डी परिसर,पिथौरा
कुंडली संबंधी कार्यों के लिए संपर्क करें
(शुल्क -५०१/-)