रायपुर : ओलंपिक खेलों की तर्ज पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की गई थी जिसके बाद इसकी अपार सफलता के बाद एक बार फिर इसका आगाज होने जा रहा है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भौंरा और रस्सीकूद जैसे 16 तरह के पारम्परिक खेलों का मुकाबला होगा। ये सभी खेल लगभग 2 महीनों तक चलेंगे। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत 17 जुलाई को हरेली तिहार से क्या जाएगा।
कॉम्पिटिशन 6 चरणों में होगा जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हिस्सा ले सकेंगे। प्रतियोगिता में दलीय और एकल श्रेणी में 16 तरह के खेलों को शामिल किया गया है। इस बार के ओलिंपिक में एकल श्रेणी में रस्सीकूद और कुश्ती को भी जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक के आयोजन का दायित्व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय क्षेत्रों के लिए नगरीय प्रशासन विकास विभाग को सौंपा गया है।
पारंपरिक खेल प्रतियोगिता दलीय और एकल दो श्रेणी में आयोजित होगी। दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल शामिल हैं। एकल श्रेणी की खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद और कुश्ती शामिल हैं। बता दें कि, सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी खेलों को बढ़ावा देने के लिए ओलंपिक की तर्ज पर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई थी। प्रदेश भर में इस ओलंपिक के आयोजन को अच्छा रिस्पॉन्स भी मिला था। छोटी उम्र से लेकर बुजुर्गों ने भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था।

